उत्तराखंड दैनिक समाचार: ब्यूरो
जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ धाम यात्रा अब लगभग समापन की ओर है। अब तक साढ़े 19 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन कर लिए हैं। आज प्रकाश व उमंग का त्यौहार है, अधिकांश लोग इस त्यौहार को अपने घर परिवार के साथ मना रहे हैं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी दीपावली अपने परिवार के साथ बाबा केदार के दर पर मनाने के लिए आये हैं। मुम्बई निवासी एक परिवार जो कि आज केदारनाथ धाम यात्रा के लिए गौरीकुण्ड से पैदल चला था, उनके द्वारा अपने बेटे को घोड़े के माध्यम से गौरीकुण्ड से रवाना कराया व स्वयं पैदल चल पड़े। कुछ दूरी तक तो साथ-साथ चले पर ये लोग केदारनाथ पैदल मार्ग पर कहाँ घोड़े वाले का मुकाबला कर पाते। और इनका बालक इनकी ऑंखों से ओझल हो चला। ये काफी परेशानी में आ पड़े। अपनी समस्या इनके द्वारा भीमबली पुलिस चौकी पर पहुंचकर बतायी गयी। चौकी प्रभारी भीमबली धर्मेन्द्र शाह ने इनके बालक का फोटोग्राफ रुद्रप्रयाग पुलिस के स्थानीय व्हट्सएप ग्रुपों में साझा किया गया व आगे पैदल मार्ग की पुलिस चौकी लैंचोली व केदारनाथ से भी समन्वय स्थापित किया गया। चौकी प्रभारी लैंचोली आशुतोष चौहान व उनकी टीम ने नीचे से वहाँ तक घोड़े के माध्यम से आ रहे यात्रियों को चेक कर पूछताछ प्रारम्भ की गयी। काफी देर बाद इस बालक को लेकर आने वाला घोड़ा संचालक मिल गया। यह बालक भी अपने परिजनों को अपने आस-पास न देख पाने के कारण परेशान था। पुलिस कार्मिकों ने बालक के सकुशल मिलने की सूचना भीमबली पुलिस को दी गयी। जिस पर पुलिस के पास बैठे परिजनों की जान में जान आयी और वे भीमबली से लैंचोली के लिए चल पड़े। इस बीच लैंचोली पुलिस ने बालक को चाय नाश्ते का प्रबन्ध कराया गया। बालक आयन समीरन आश (उम्र 9 वर्ष) को उनके पिता समीरन आश निवासी नाला सोपारा, वेस्ट मुम्बई महाराष्ट्र के सुपुर्द किया गया। इनके द्वारा रुद्रप्रयाग पुलिस का आभार व्यक्त करते हुए केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुए।
अब तक की केदारनाथ यात्रा में रुद्रप्रयाग पुलिस के स्तर से “ऑपरेशन मुस्कान” के तहत कुल 357 बिछड़े हुए व्यक्ति मिलवाये, 125 खोये हुए मोबाइल फोन ढूंढकर वापस दिलाये गये, 165 अन्य जरूरी सामान/कीमती सामान वापस दिलाया गया है।
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