🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 18 नवम्बर 2023*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 2 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 27 आश्विन मास*
🌤️ *मास – कार्तिक*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – पंचमी सुबह 09:18 तक तत्पश्चात षषठी*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराषाढा रात्रि 12:07 तक तत्पश्चात श्रवण*
🌤️ *योग – गण्ड 19 नवम्बर रात्रि 02:18 तक तत्पश्चात वृद्धि*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:25 से सुबह 10:43 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:44*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:20*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- लाभ पंचमी,पांडव-ज्ञान पंचमी*
💥 *विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *घातक रोगों से मुक्ति पाने का उपाय* 🌷
👉🏻 *19 नवम्बर 2023 रविवार को (सुबह 07:23 से 20 नवम्बर प्रातः 05:21 तक) रविवारी सप्तमी है।*
🙏🏻 *रविवार सप्तमी के दिन बिना नमक का भोजन करें। बड़ दादा के १०८ फेरे लें । सूर्य भगवान का पूजन करें, अर्घ्य दें व भोग दिखाएँ, दान करें । तिल के तेल का दिया सूर्य भगवान को दिखाएँ ये मंत्र बोलें :-*
🌷 *”जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।”*
💥 *नोट : घर में कोई बीमार रहता हो या घातक बीमारी हो तो परिवार का सदस्य ये विधि करें तो बीमारी दूर होगी ।
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🌷 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।*
🙏🏻 *(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *छठ पर्व* 🌷
🙏🏻 *(19 नवम्बर, रविवार) को छठ पूजा है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में सूर्य को साक्षात भगवान माना गया है, क्योंकि वे रोज हमें दर्शन देते हैं और उन्हीं के प्रकाश से हमें जीवनदायिनी शक्ति प्राप्त होती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, रोज सूर्य की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।*
🌞 *पूजा विधि*
*छठ की सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर शौच आदि कार्यों से निवृत्त होकर नदी के तट पर जाकर आचमन करें तथा सूर्योदय के समय शरीर पर मिट्टी लगाकर स्नान करें। इसके बाद पुन: आचमन कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और सप्ताक्षर मंत्र- ॐ खखोल्काय स्वाहा से सूर्यदेव को अर्घ्य दें।*
🌞 *इसके बाद भगवान सूर्य को लाल फूल, लाल वस्त्र व रक्त चंदन अर्पित करें। धूप-दीप दिखाएं तथा पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अंत में हाथ जोड़कर सूर्यदेव से प्रार्थना करें। इसके बाद नीचे लिखे शिव प्रोक्त सूर्याष्टक का पाठ करें-*
🌷 *आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर।*
*दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर मनोस्तु ते।।*
*सप्ताश्चरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्ममज्म।*
*श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।*
*लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम्।*
*महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यम्।।*
*त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम्।*
*महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यम्।।*
*बृंहितं तेज:पुजं च वायु माकाशमेव च।*
*प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।*
*बन्धूकपुष्पसंकाशं हारकुण्डलभूषितम्।*
*एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।*
*तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज: प्रदीपनम्।*
*महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम्।।*
*तं सूर्य जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम्।*
*महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणामाम्यहम्।।*
🙏🏻 *इस प्रकार सूर्य की उपासना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।*
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November 22, 2024