🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 22 नवम्बर 2023*
🌤️ *दिन – बुधवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 6 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 1 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – कार्तिक*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – दशमी रात्रि 11:03 तक तत्पश्चात एकादशी*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्वभाद्रपद शाम 06:37 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
🌤️ *योग – हर्षण दोपहर 02:46 तक तत्पश्चात वज्र*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 12:03 से दोपहर 01:21 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:48*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:19*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष –
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~*🌞
🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
➡️ *22 नवम्बर 2023 बुधवार को रात्रि 11:04 से 23 नवम्बर 2023 गुरुवार को रात्रि 09:01 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 23 नवम्बर, गुरुवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।*
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें*
*विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*
🙏🏻 *
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *अकाल मृत्यु से रक्षा हेतु विशेष आरती* 🌷
➡️ *23 नवम्बर 2023 गुरुवार को देवउठी एकादशी कपूर आरती ।*
🙏🏻 *देवउठी एकादशी देव-जगी एकादशी के दिन को संध्या के समय कपूर आरती करने से आजीवन अकाल-मृत्यु से रक्षा होती है; एक्सीडेंट, आदि उत्पातों से रक्षा होती है l*
🙏🏻 *-
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *भीष्म पंचक व्रत* 🌷
➡ *23 नवम्बर 2023 गुरुवार से 27 नवम्बर 2023 सोमवार तक भीष्म पंचक व्रत है ।*
🙏🏻 *कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूनम तक का व्रत ‘भीष्म-पंचक व्रत’ कहलाता है l जो इस व्रत का पालन करता है, उसके द्वारा सब प्रकार के शुभ कृत्यों का पालन हो जाता है l यह महापुण्य-मय व्रत महापातकों का नाश करने वाला है l*
🙏🏻 *कार्तिक एकादशी के दिन बाणों की शय्या पर पड़े हुए भीष्मजी ने जल कि याचना कि थी l तब अर्जुन ने संकल्प कर भूमि पर बाण मारा तो गंगाजी कि धार निकली और भीष्मजी के मुंह में आयी l उनकी प्यास मिटी और तन-मन-प्राण संतुष्ट हुए l इसलिए इस दिन को भगवान् श्री कृष्ण ने पर्व के रूप में घोषित करते हुए कहा कि ‘आज से लेकर पूर्णिमा तक जो अर्घ्यदान से भीष्मजी को तृप्त करेगा और इस भीष्मपंचक व्रत का पालन करेगा, उस पर मेरी सहज प्रसन्नता होगी l’*
🌷 *कौन यह व्रत करें* 🌷
👉🏻 *निःसंतान व्यक्ति पत्नीसहित इस प्रकार का व्रत करें तो उसे संतान कि प्राप्ति होती है l*
👉🏻 *जो अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं, वैकुण्ठ चाहते हैं या इस लोक में सुख चाहते हैं उन्हें यह व्रत करने कि सलाह दी गयी है l*
👉🏻 *जो नीचे लिखे मंत्र से भीष्मजी के लिए अर्घ्यदान करता है, वह मोक्ष का भागी होता है l*
🌷 *वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृतप्रवराय च l*
*अपुत्राय ददाम्येतदुद्कं भीष्म्वर्मणे ll*
*वसूनामवताराय शन्तनोरात्मजाय च l*
*अर्घ्यं ददामि भीष्माय आजन्मब्रह्मचारिणे ll*
🙏🏻 *’जिनका व्याघ्रपद गोत्र और सांकृत प्रवर है, उन पुत्ररहित भीश्म्वार्मा को मैं यह जल देता हूँ l वसुओं के अवतार, शांतनु के पुत्र आजन्म ब्रह्मचारी भीष्म को मैं अर्घ्य देता हूँ l ( स्कन्द पुराण, वैष्णव खंड, कार्तिक महात्मय )*
🌷 *व्रत करने कि विधि* 🌷
*इस व्रत का प्रथम दिन देवउठी एकादशी है l इस दिन भगवान् नारायण जागते हैं l इस कारण इस दिन निम्न मंत्र का उच्चारण करके भगवान् को जगाना चाहिए :*
🌷 *उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज l*
*उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमन्गलं कुरु ll*
🙏🏻 *’हे गोविन्द ! उठिए, उठए, हे गरुडध्वज ! उठिए, हे कमलाकांत ! निद्रा का त्याग कर तीनों लोकों का मंगल कीजिये l’*
➡ *इन पांच दिनों में अन्न का त्याग करें l कंदमूल, फल, दूध अथवा हविष्य (विहित सात्विक आहार जो यज्ञ के दिनों में किया जाता है ) लें l*
➡ *इन दिनों में पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोझरण व् गोबर-रस का मिश्रण )का सेवन लाभदायी है l पानी में थोडा-सा गोझरण डालकर स्नान करें तो वह रोग-दोषनाशक तथा पापनाशक माना जाता है l*
➡ *इन दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए l*
➡ *भीष्मजी को अर्घ्य-तर्पण -*
*इन पांच दिनों निम्नः मंत्र से भीष्म जी के लिए तर्पण करना चाहिए :*
🌷 *सत्यव्रताय शुचये गांगेयाय महात्मने l*
*भीष्मायैतद ददाम्यर्घ्यमाजन्मब्रह्मचारिणे ll*
🙏🏻 *’आजन्म ब्रह्मचर्य का पालन करनेवाले परम पवित्र, सत्य-व्रतपरायण गंगानंदन महात्मा भीष्म को मैं यह अर्घ्य देता हूँ l’*
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