🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 नवम्बर 2023*
🌤️ *दिन – गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 14 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – तृतीया दोपहर 02:24 तकतत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र – आर्द्रा शाम 03:01 तक तत्पश्चात पुनर्वसु*
🌤️ *योग – शुभ रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात शुक्ल*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 01:22 से शाम 02:39 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:54*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:17*
👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- संकष्ट चतुर्थी (चंद्रोदय:रात्रि 08:29 )*
💥 *विशेष – *तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *स्वास्थ्यवर्धक आँवला* 🌷
🍏 *आँवला एक ऐसा श्रेष्ठ फल है जो वात, पित्त व कफ तीनों दोषों का शमन करता है तथा मधुर, अम्ल, कड़वा, तीखा व कसैला इन पाँच रसों की शरीर में पूर्ति करता हैं | आँवले के सेवन से आयु, स्मृति, कांति एवं बल बढ़ता है | ह्रदय एवं मस्तिष्क को शक्ति मिलती है | आँखों के तेज में वृद्धि, बालों की जड़ें मजबूत होकर बाल काले होना आदि अनेकों लाभ होते हैं | शास्त्रों में आँवले का सेवन पुण्यदायी माना गया हैं | अत: अस्वस्थ एवं निरोगी सभी को आँवले का किसी-न-किसी रूप में सेवन करना ही चाहिए |*
🍏 *आँवले के मीठे लच्छे* 🍏
➡ *सामग्री : ५०० ग्राम आँवला, ५ ग्राम काला नमक, चुटकीभर सादा नमक, चुटकीभर हींग, ५०० ग्राम मिश्री, आधा चम्मच नींबू का रस, १५० ग्राम तेल |*
➡ *विधि : आँवलों को धोकर कद्दूकश कर लें | गुलाबी होने तक इनको तेल में सेंके फिर कागज पर निकालकर रखें ताकि कागज सारा तेल सोख लें | इनमे काला नमक व नींबू का रस मिलाकर अलग रख दें | मिश्री की चाशनी बना के इनको उसमें थोड़ी देर पका लें | बस, हो गए आँवले के मीठे लच्छे तैयार ! इन्हें काँच के बर्तन में भरकर रख लें |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सर्दियों के लिए बल व पुष्टि का खजाना*
👉🏻 *Ø रात को भिगोयी हुई १ चम्मच उड़द की दाल सुबह महीन पीसकर उसमें २ चम्मच शुद्ध शहद मिला के चाटें | १ – १.३० घंटे बाद मिश्रीयुक्त दूध पियें | पूरी सर्दी यह प्रयोग करने से शरीर बलिष्ठ और सुडौल बनता है तथा वीर्य की वृद्धि होती है |*
👉🏻 *Ø दूध के साथ शतावरी का २ – ३ ग्राम चूर्ण लेने से दुबले-पतले व्यक्ति, विशेषत: महिलाएँ कुछ ही दिनों में पुष्ट जो जाती हैं | यह चूर्ण स्नायु संस्थान को भी शक्ति देता हैं |*
👉🏻 *Ø रात को भिगोयी हुई ५ – ७ खजूर सुबह खाकर दूध पीना या सिंघाड़े का देशी घी में बना हलवा खाना शरीर के लिए पुष्टिकारक है |*
👉🏻 *Ø रोज रात को सोते समय भुनी हुई सौंफ खाकर पानी पीने से दिमाग तथा आँखों की कमजोरी में लाभ होता है |*
👉🏻 *Ø आँवला चूर्ण, घी तथा शहद समान मात्रा में मिलाकर रख लें | रोज सुबह एक चम्मच खाने से शरीर के बल, नेत्रज्योति, वीर्य तथा कांति में वृद्धि होती है | हड्डियाँ मजबूत बनती हैं |*
👉🏻 *Ø १०० ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को २० ग्राम घी में मिलाकर मिट्टी के पात्र में रख दें | सुबह ३ ग्राम चूर्ण दूध के साथ नियमित लेने से कुछ ही दिनों में बल-वीर्य की वृद्धि होकर शरीर हृष्ट-पुष्ट बनता है |*
👉🏻 *Ø शक्तिवर्धक खीर : ३ चम्मच गेहूँ का दलिया व २ चम्मच खसखस रात को पानी में भिगो दें | प्रात: इसमें दूध और मिश्री डालकर पकायें | आवश्यकता अनुसार मात्रा घटा-बढ़ा सकते हैं | यह खीर शक्तिवर्धक है |*
👉🏻 *Ø हड्डी जोडनेवाला हलवा : गेहूँ के आटे में गुड व ५ ग्राम बला चूर्ण डाल के बनाया गया हलवा (शीरा) खाने से टूटी हुई हड्डी शीघ्र जुड़ जाति है | दर्द में भी आराम होता है |*
👉🏻 *Ø सर्दियों में हरी अथवा सुखी मेथी का सेवन करने से शरीर के ८० प्रकार के वायु-रोगों में लाभ होता है ।*
👉🏻 *Ø सब प्रकार के उदर-रोगों में मठ्ठे और देशी गाय के मूत्र का सेवन अति लाभदायक है | (गोमूत्र न मिल पाये तो गोझरण अर्क का उपयोग कर सकते हैं |)*
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November 22, 2024