उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्यूरो
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में आज दिनांक 04 दिसम्बर 2023 को पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन्स/यातायात श्रीमती हर्षवर्द्धनी सुमन ने जनपद रुद्रप्रयाग के सभी थाना प्रभारियों व विवेचकों को ऑनलाइन कार्यशाला के माध्यम से मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) के बारे में जानकारी दी गयी।
उनके द्वारा बताया गया कि मोटर वाहन संशोधित नियम के अन्तर्गत सड़क दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्तियों हेतु प्रतिकर दिये जाने का प्रावधान है। इसके लिए पुलिस बल जो कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में कार्य करता है। पुलिस के स्तर से न केवल रेस्क्यू कार्य बल्कि किसी भी वाहन से दुर्घटना होने की स्थिति में सम्बन्धित थाने में रिपोर्ट दर्ज होने पर सम्बन्धित थाना प्रभारी प्रथम सूचना रिपोर्ट एफआईआर दर्ज किए जाने के 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में जमा की जाती है। दुर्घटना सूचना रिपोर्ट दस्तावेजों सहित सम्बन्धित थाना प्रभारी के स्तर से जमा की जाती है। इन दस्तावेजों में प्रथम सूचना रिपोर्ट की सत्यापित प्रतिलिपि, दुर्घटनास्थल के नक्शे की सत्यापित प्रतिलिपि व दुर्घटनास्थल के फोटो, सम्बन्धित वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस, सम्बन्धित वाहन की इंश्योरेंस पॉलिसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट (मृत्यु की स्थिति में) व घायल होने का प्रमाणपत्र शामिल हैं। इसी प्रकार घायल का नाम, पता या मृत्यु होने की स्थिति में मृतक आश्रित परिवार के सदस्यों के नाम पते आदि सूचना रिपोर्ट में दी जाती है। इसके बाद दुर्घटना सूचना रिपोर्ट और उसके साथ संलग्न किए गए दस्तावेजों की प्रतियां सम्बन्धित इंश्योरेंस कम्पनी को भी पुलिस द्वारा दी जाती है ताकि सम्बन्धित इंश्योरेंस कम्पनी क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्यवाही कर सकें। मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल दुर्घटना सूचना रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट व्हीकल एक्ट की धारा 166 के अनुसार क्लेम ट्रिब्यूनल के रूप में स्वीकार करता है। इसमें अलग से क्लेम पिटीशन प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होती है। यदि क्लेम पिटीशन दुर्घटना सूचना रिपोर्ट से पहले ही जमा कर दिया गया हो तो दुर्घटना सूचना रिपोर्ट उसके साथ संलग्न की जाती है।
पुलिस उपाधीक्षक यातायात ने सभी प्रभारियों को मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से सम्बन्धित बिन्दुओं पर विस्तार से निम्नानुसार जानकारी व आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गयेः-
1. किसी भी प्रकार की सड़क दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर सम्बन्धित थाने के स्तर से थाना प्रभारी अथवा विवेचक द्वारा दुर्घटना स्थल का अन्वेषण व निरीक्षण किये जाने, दुर्घटना स्थल की फोटो/वीडियो लिये जाने, सड़क दुर्घटना किन वाहनों से हुई है इसकी जानकारी रखने, किसके द्वारा वाहन संचालन किया जा रहा था, दुर्घटना में पीड़ित (मृतक/घायल) का विवरण एकत्रित किये जाने की जानकारी प्रदान करते हुए इस सम्बन्ध में अपेक्षित कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
2. जानकारी दी गयी कि अन्वेषण अधिकारी के स्तर से दुर्घटना घटित होने के 48 घंटे के भीतर निर्धारित प्रारूप-1 में प्रथम दुर्घटना रिपोर्ट (एफएआर) को प्रस्तुत किया जायेगा। इस सम्बन्ध में प्रारूपानुसार आवश्यक व वांछित सूचनाओं को सम्बन्धित बीमा कम्पनी, पीड़ित व्यक्ति, जिला/राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व बीमाकर्ता को दिये जाने के बारे में बताया गया।
3. इस अवसर पर विभिन्न प्रारूपों प्रारूप-2 (सड़क दुर्घटना के पीड़ित/पीड़ितों के अधिकार और अन्य बिन्दुओं की जानकारी) प्रारूप-3 (चालक की जानकारी का विवरण) प्रारूप-4 (स्वामी/बीमित का प्रारूप) प्रारूप-5 (अन्तरिम दुर्घटना रिपोर्ट- (आईएआर)- 50 दिनों के भीतर) प्रारूप-6 (पीड़ित/दावेदारों का प्रारूप) के साथ ही मृत्यु या घायल होने की दशा में प्रस्तुत किये जाने वाले दस्तावेजों के बारे में बताया गया। प्रारूप-7 विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (डीएआर) को 90 दिनों के भीतर अन्वेषण अधिकारी के स्तर से प्रेषण किये जाने की जानकारी दी गयी। साथ ही प्रारूप-8, प्रारूप-9, प्रारूप-10 (सत्यापन रिपोर्ट) की सूचना भी दुर्घटना के 90 दिनों के भीतर प्रेषण करने की जानकारी दी गयी। इन सभी प्रारूपों पर पुलिस के स्तर से समयबद्ध कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा भी रखी गयी।
4. सभी थाना प्रभारियों व यातायात व्यवस्था में लगे प्रभारियों को प्रभावी चेकिंग किये जाने, यातायात नियमों का पालन किये जाने हेतु स्कूलों, आम जनमानस के बीच, वाहन चालकों को नियमित रूप से जागरुक किये जाने के निर्देश दिये गये।