🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 08 दिसम्बर 2023*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 22 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
⛅ *राष्ट्रीय तिथि – 17 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – एकादशी 09 दिसम्बर सुबह 06:31 तक तकतत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र – हस्त सुबह 08:54 तक तत्पश्चात चित्रा*
🌤️ *योग – सौभाग्य रात्रि 12:05 तक तत्पश्चात शोभन*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 10:52 से दोपहर 12:08 तक*
🌞 *सूर्योदय- 07:01*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:17*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- उत्पत्ति एकादशी (स्मार्त)*
💥 *विशेष – *💥 *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *उत्पत्ति एकादशी* 🌷
➡️ *08 दिसम्बर 2023 शुक्रवार को प्रातः05:07 से 09 दिसम्बर, शनिवार को सुबह 06:31 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष – 08 दिसम्बर 2023 शुक्रवार को उत्पत्ति एकादशी (स्मार्त), 09 दिसम्बर 2023 शनिवार को उत्पत्ति एकादशी (भागवत), 09 दिसम्बर, शनिवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।*
🙏🏻 *उत्पत्ति एकादशी ( व्रत करने से धन, धर्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है | – पद्म पुराण )*
🌞 ~ *वैदिक पंचांग* ~ 🌞
🌷 *स्नान के साथ पायें अन्य लाभ* 🌷
🐄 *गोमय से ( देशी गौ-गोबर को पानी में मिलाकर उससे ) स्नान करने पर लक्ष्मीप्राप्ति होती है तथा गोमूत्र से स्नान करने पर पाप-नाश होता है | गोदुग्ध से स्नान करने पर बलवृद्धि एवं दही से स्नान करने पर लक्ष्मी की वृद्धि होती है | ( अग्निपुराण : २६७.४-५)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पौष्टिक खजूर* 🌷
🔹 *१३२ प्रकार की बीमारियों को जड़ से उखाडनेवाला, त्रिदोषनाशक खजूर तुरंत शक्ति – स्फूर्ति देनेवाला, रक्त – मांस व वीर्य की वृद्धि करनेवाला, कब्जनाशक, कान्तिवर्धक, ह्रदय व मस्तिष्क का टॉनिक है |*
💥 *सेवन – विधि : बच्चों के लिए २ से ४ और बड़ों के लिए ४ से ७ |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
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