उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्यूरो
देहरादून। क्वांटम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ के छात्र एवं छात्राओ ने यूनिफॉर्म सिविल कोड विषय पर मानवाधिकार दिवस को मनाया गया, और इस अवसर परयूनिफॉर्म सिविल कोड विषय पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन भी किया गया। इस नुक्कड नाटक में सिविल यूनिफॉर्म कोड के समस्त पहलू जैसे कि विवाह, विवाह- विच्छेद, दत्तक-ग्रहण, और उत्तराधिकार पर प्रकाश डाला गया और नुक्कड- नाटक से समस्त ग्रामीणो एव छात्र/छात्राओ को लाभ पहुँचा ।इस कार्यक्रम का नेतृत्व बीबिए 5TH सिमिस्टर की छात्रा तान्या धीमान ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने का श्रेय समस्त नुक्कड़-नाटक टीम को जाता है।इस अवसर पर क्वांटम स्कूल ऑफ लॉ के हेड प्रोफेसर (डा॰) अमित कुमार श्रीवास्तव ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान मोनी सैनी धर्मपत्नी श्री श्रीकान्त सैनी एवं समस्त ग्रामीण-जनों का स्वागत किया। प्रधानाचार्य डा॰ अमित कुमार श्रीवास्तव ने मानवाधिकार विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए यह कहा कि मानवाधिकार लोगों के बीच मे समानता को बताता है, यह समानता को आगे ले जा कर न्याय प्रदान करने का कार्य करता है। डॉ अमित श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत मानवाधिकार ना केवल नागरिकों को बल्कि विदेशीयों को भी मिला है मानवाधिकार कि शुरुआत ब्रिटेन के मैग्ना कार्टा द्वारा 1512 ई. मे हूई। मैग्ना कार्टा मे सबसे पहले नागरिकों को जीवन, स्वतंत्रता और सम्पत्ति का मानवाधिकार दिया गया है, यही से मानवाधिकार कि उत्पति हुई थी, इसके पश्चात जॉन लॉक ने 16वी शताब्दी में प्राकृतिक अधिकारो के बारे में बताया फिर 10 दिसंबर 1948 ई.मे मानवाधिकार कि सार्वभौमिक घोषणा कि गयी, जिसमे 30 मानवाधिकार दिये गये है। संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में मानवाधिकार बिल ऑफ राइट के रूप में है हमारे भारतीय संविधान में मानवाधिकार को भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक में दिया गया है। भारत में मानवाधिकारों से संबंधित कानून मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम , 1993 में दिया गया है, यह मानवाधिकार सरकार के लिए एक पैमाना निर्धारित करते हैं। सरकारी अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे मानवाधिकार को ध्यान में रखते हुए कार्य करें। सरकार मनमाने पन से कार्य नहीं कर सकती हैं , मानवाधिकारो की रक्षा तभी संभव है जब सरकार नागरिकों के लिए लगातार कल्याणकारी कार्य करती रहें।कार्यक्रम में क्वांटम यूनिवर्सिटी के समस्त सहायक आर्चाय एवं समस्त छात्र/छात्राएँ उपस्थित थे। इस कार्यक्रम मे उपस्थित छात्र एवं छात्राएं अत्यधिक लाभान्वित हुए।