उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्यूरो
प्रदेश में घराट (पानी से चलने वाला उपकरण ) जो तीन दशक पहले तक हर ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं चावल सहित आदि अनाजों को पिसने का काम करता था। लेकिन आधुनिक चौकाकौधौ मशीनी युग में घराट अब धीरे धीरे विलुप्त होने लगा है जिससे एक बार हिमालया इंटर कालेज चौकोड़ी कक्षा 12की बाल वैज्ञानिक लक्षिका बिष्ट ने नयी पहचान दिलाने के साथ लक्षिका के घराट के मांडल को राष्ट्रीय स्तर पर जगह मिली है महाराष्ट्र में होने जा रहे राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में उत्तराखंड की और लक्षिका प्रतिनिधित्व करेगी। लक्षिका का आधुनिक वैज्ञानिक यह घराट जहा बहुत कम पानी में चलने के साथ ही बिजली का उत्पादन भी करेगा। इस घराट के प्रयोग पौष्टिक अहार मिलने के साथ ही पर्यावरण का एक नया मुकाम भी हासिल करेगा। लक्षिका का यह मांडल वर्तमान प्रदेश सरकार के लिए मिल का पत्थर साबित हो सकता है अब देखना होगा की लक्षिका के घराट मांडल को प्रदेश सरकार धरातल पर उतार पाती है।