🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 19 दिसम्बर 2023*
🌤️ *दिन – मंगलवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌤️ *अमांत – 4 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 28 कार्तिक मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – सप्तमी दोपहर 01:06 तक तत्पश्चात अष्टमी*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्व भाद्रपद रात्रि 12:02 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद*
🌤️ *योग – सिद्धि शाम 06:38 तक तत्पश्चात व्यतीपात*
🌤️ *राहुकाल – शाम 02:45 से शाम 04:00 तक*
🌞 *सूर्योदय-07:07*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:20*
👉 *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌹🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞🌹
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।*
💥 *विशेष ~ व्यतिपात योग – 19 दिसम्बर 2023 मंगलवार को शाम 06:39 से 20 दिसम्बर, बुधवार को शाम 03:57 तक व्यतिपात योग है।*
🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞
🌷 *बुधवारी अष्टमी* 🌷
➡ *20 दिसम्बर 2023 बुधवार को सूर्योदय से दोपहर 11:14 तक बुधवारी अष्टमी हैं ।*
🌷 *बुधवायुक्तायां शुक्ला शुक्लाष्टम्यां, परयुता ग्राह्या*
👉🏻 *बुधवारी शुक्लपक्ष अष्टमी बहुत पुण्यशाली होती है और इस दिन किया गया स्नान, दान, धर्म, जप, तप आदि सब सूर्यग्रहण के समान फल देते हैं।*
🌷 *अमावस्या तु सोमेन सप्तमी भानुना सह।*
*चतुर्थी भूमिपुत्रेण सोमपुत्रेण चाष्टमी।*
*चतस्रस्तिथयस्त्वेताः सूर्यग्रहणसन्निभाः॥*
🙏🏻 *शिवपुराण, गरुड़पुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, स्कंदपुराण सभी में बुधाष्टमी की महत्ता का वर्णन है।*
🙏🏻 *भविष्यपुराण में श्रीकृष्ण बुधाष्टमी के व्रत की महत्ता बताते हुए कहते हैं कि इसको करने से नरक का मुख नहीं देखना पड़ता।*
🌷 *“बुधाष्टमीव्रतं भूयो ब्रवीमि शृणु पांडव ।*
*येन चीर्णेन नरकं नरः पश्यति न क्वचित् ।।”*
👉🏻 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🙏🏻 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)*
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November 22, 2024