🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 23 दिसम्बर 2023*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 8 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 2 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – एकादशी सुबह 07:11 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र – भरणी रात्रि 09:19 तक तत्पश्चात कृत्तिका*
🌤️ *योग – शिव सुबह 09:08 तक तत्पश्चात सिद्ध*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:45 से सुबह 11:00 तक*
🌞 *सूर्योदय -07:09*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:22*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- मोक्षदा एकादशी (भागवत),अखण्ड द्वादशी*
💥 *विशेष – हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी* 🌷
👉🏻 *23 दिसम्बर 2023 शनिवार को सुबह 07:22 से 24 दिसम्बर, रविवार को सुबह 06:24 तक मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशी है ।*
➡ *वराहपुराण के अनुसार जो पुरुष नियमपूर्वक रहकर कार्तिक, मार्गशीर्ष एवं बैशाख महीनों की द्वादशी तिथियों के दिन खिले हुए पुष्पों की वनमाला तथा चन्दन आदि को मुझ पर चढ़ाता है, उसने मानो बारह वर्षों तक मेरी पूजा कर ली।*
➡ *वराहपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास में चन्दन एवं कमल के पुष्प को एक साथ मिलाकर जो भगवान विष्णु को अर्पण करता है, उसे महान फल प्राप्त होता है।*
➡ *अग्निपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष के शुक्लपक्ष की द्वादशी को श्रीकृष्ण का पूजन करके जो मनुष्य लवण का दान करता हैं, वह सम्पूर्ण रसों के दान का फल प्राप्त करता हैं |*
➡ *महाभारत अनुशासनपर्व*
*द्वादश्यां मार्गशीर्षे तु अहोरात्रेण केशवम्।*
*अर्च्याश्वमेधं प्राप्नोति दुष्कृतं चास्य नश्यति।।*
*जो मार्गशीर्ष की द्वादशी को दिन-रात उपवास करके ‘केशव’ नाम से मेरी पूजा करता है, उसे अश्वमेघ-यज्ञ का फल मिलता है।*
➡ *स्कन्दपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास में श्रीभगवान विष्णु को, उनके अन्य स्वरुप को स्नान कराने का विशेष महत्व है विशेषतः द्वादशी को । इस दिन श्रीकृष्ण को शंख के द्वारा दूध से स्नान कराएं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *प्रदोष व्रत* 🌷
🙏🏻 *हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 24 दिसम्बर, रविवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन शिवजी की विशेष पूजा की जाती है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *तुलसी महिमा* 🌷
➡ *25 दिसम्बर 2023 को तुलसी पूजन दिवस है ।*
🌿 *· तुलसी के निकट जिस मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देनेवाला होता है |*
🌿 *· प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते है |*
🌿 *· ब्रह्महत्या आदि ताप तथा पाप और बुरे विचार से उत्पन्न होनेवाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं |*
🌿 *तुलसी का पूजन, रोपण व धारण पाप को जलाता है और स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदायक है |*
🌿 *· श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला है |*
🌿 *· जो चोटी में तुलसी स्थापित करके प्राणों का परित्याग करता है, वह पापराशि से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है |*
🌿 *· तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है |*
🌿 *· तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल जो अपने सिर पर धारण करता है, उसे गंगास्नान और १० गोदान का फल प्राप्त होता है |*
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🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *घर में सुख-शांति के लिए* 🌷
🌿 *घर में सुख-शांति, कामधंधे में स्थिति चाहिये तो पर्वों के दिनों में तुलसी के १०८ परिक्रमा करें |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *तुलसी मंत्र* 🌷
🌿 *तुलसी माता पर जल चढ़ाते हुए इस मंत्र को बोलें*
*महाप्रसाद जननी सर्वसौभाग्यवर्धिनी*
*आधि व्याधि जरा मुक्तं तुलसी त्वाम् नमोस्तुते*
👉🏻 *इस मंत्र का अर्थ है*
🌿 *हे भक्ति का प्रसाद देने वाली माँ! सौभाग्य बढ़ाने वाली, मन के दुःख, और शरीर के रोग दूर करने वाली तुलसी माता को हम प्रणाम करते है |*
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