उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्यूरो
आज भैरव सेना संगठन से सम्बंधित दर्जनों कार्यकर्ता जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करते हुए जिलाध्यक्ष परवादून गणेश जोशी के नेतृत्व में लैंसडाउन चौक पर आ धमके। जहां पर धार्मिक भ्रष्टाचार को लेकर “नीति-माणा” के पौराणिक धार्मिक सरस्वती मंदिर के भ्रष्टाचार में लिप्त भ्रष्टाचारियों का पुतला दहन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया।
आक्रोश प्रदर्शन में उपस्थित भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा की देवभूमि की संस्कृति को बाहरी लोग ऊंचे रसूख और धन बल से बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। महाराष्ट्र के पूंजीपति धन्ना सेठ विश्वनाथ कराड द्वारा विशाल हृदय दिखाते हुए श्री बद्रीनाथ धाम से 2 किलोमीटर दूर “माणा” में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल भीमपुल के निकट स्थित पौराणिक प्राकृतिक सरस्वती मंदिर का पुनरुत्थान करवाकर भव्य मंदिर बनवाया। जिसमें की कथित रूप से 29 करोड़ का व्यय इस पुनीत कार्य में करवाया। परंतु भव्य मंदिर निर्माण के पश्चात मंदिर के गर्भ गृह में अपने मृतक भाई-बहन की मूर्तियां मां सरस्वती, श्री गणेश और वेदव्यास जी के साथ में विराजमान कर दी। यही नहीं देवभूमि की अध्यात्मिक देवीय धरोहर मां सरस्वती मंदिर की समिति बनाकर उस पर कब्जा भी कर दिया, जो की अक्षम्य अपराध है। देवभूमि में आराध्य देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ पितरों को विराजमान नहीं करते। परंतु धन्ना सेठ उत्तराखंड की देवीय संस्कृति और परम्पराओं को ही नहीं अपितु सनातन संस्कृति को ही अंहकारवश बदलने का शैतानी प्रयास कर रहे हैं। जो कि किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धन्नासेठ विश्वनाथ कराड से प्रकरण पर बार-बार के अनुरोध और निवेदन के पश्चात ही आज पुतला दहन और ज्ञापन की प्रक्रिया को अपनाया गया है, और इसके बाद आंदोलन और आक्रामक होगा। यदि मंदिर प्रांगण से अनैतिक रूप से लगाई गई धन्ना सेठ के परिवार की मूर्तियां नहीं हटाई गई।
संगठन की प्रदेश अध्यक्षा अनीता थापा ने धन्ना सेठ पर आक्रोशित होते हुए कहा की यह देवभूमि है यहां पर आस्था और मोक्ष के उद्देश्य से लोग यथासामर्थ्य दान और धार्मिक कार्य करते हैं। परंतु उसके बदले में अनैतिक अपेक्षाएं रखेंगे तो वह दान धर्म सब व्यर्थ चला जाएगा। देवभूमि उत्तराखंड में भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के लोग धार्मिक उद्देश्य से करोड़ों का दान करते हैं। परन्तु उन्होने ने कभी ऐसी परम्परा विरोधी महत्वकांक्षा नहीं रखीं। केंद्रीय सचिव संजय पंवार ने कहा कि सिर्फ विश्वनाथ कराड ही नहीं बल्कि इस कुकर्म में सभी लोग बराबर के सहयोगी और दोषी हैं जिन्होने संस्कृति विरूद्ध कार्य किया है। संगठन ऐसे संस्कृति विरोधी कृत्य करने वालों के खिलाफ सदैव आक्रमक रूप से आन्दोलनरत रहेगा।
मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में संगठन द्वारा इस कुकृत्य की जांच करवा कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने के साथ उल्लेखित मंदिर को बद्री-केदार मंदिर समिति को सौंपने पर भी जोर दिया गया है। ताकि बद्री-केदार मंदिर समिति में आने के बाद मंदिर की सुव्यवस्थाएं और प्रचार-प्रसार बढ़ सके। पुतला दहन और ज्ञापन प्रेषण में उपरोक्त पदाधिकारीयों सहित प्रमिला रावत, काजल चौहान, सरोज शाह, सतीश जोशी, हेमंत सकलानी, प्रवीण कालरा के साथ दर्जनभर से अधिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।