🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 दिसम्बर 2023*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 15 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष ( गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – तृतीया सुबह*
*09:43 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र – अश्लेशा 31 दिसम्बर प्रातः 05:42 तक तत्पश्चात मघा*
🌤️ *योग – विष्कंभ 31 दिसम्बर रात्रि 02:56 तक तत्पश्चात प्रीति*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:48 से सुबह 11:03 तक*
🌞 *सूर्योदय – 07:22*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:25*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय:रात्रि 09:06)*
💥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *कपूर मिश्रित जल* 🌷
👉🏻 *गो चंदन अगरबत्ती गाय के घी में डुबो के जला देते तो भी गाय के गोबर के कंडे जैसा परिणाम देगा …. कभी मै उस में कपूर भी रख देता…. कभी कभी कपूर मिश्रित जल कमरे में छिटक देना भी हितकारी माना जाता है ….कपूर पानी में डाल के वो पानी कमरे में छिटक दे…..*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *बलवर्धक* 🌷
➡ *२ से ४ ग्राम शतावरी का चूर्ण गर्म दूध के साथ ३ माह तक सेवन करें इससे शरीर में बल आता है, साथ ही नेत्र ज्योति भी बढ़ती है*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सुबह उठते वक्त* 🌷
🌞 *सुबह उठकर जो ” ॐ ब्रह्मणे नमः ” ” ॐ ब्रह्मणे नमः” गुरु साक्षात् ब्रह्म स्वरुप है | गुरु का स्मरण करते हुए ” ॐ ब्रह्मणे नमः ” ऐसा जो मन में बोलता है, और वंदन करता है वो समस्त तीर्थो में स्नान करने और समस्त यज्ञो में भाग लेने का पुण्य प्राप्त करता है |*
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