💥🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹💥
🌤️ *दिनांक – 04 जनवरी 2024*
🌤️ *दिन – गुरूवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 20 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 14 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष ( गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – अष्टमी रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात नवमी*
🌤️ *नक्षत्र – हस्त शाम 05:33 तक तत्पश्चात चित्रा*
🌤️ *योग – अतिगण्ड 05 जनवरी प्रातः 06:49 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल – दोपहर 01:38 से शाम 02:54 तक*
🌞 *सूर्योदय- 07:14*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:30*
👉 *दिशाशूल – दक्षिण दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण-
💥 *विशेष – अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *सर्दियों में उठायें मेथीदानों से भरपूर लाभ*
➡ *मेथीदाना उष्ण, वात व कफनाशक, पित्तवर्धक, पाचनशक्ति व बल वर्धक एवं ह्रदय के लिए हितकर है | यह पुष्टिकारक, शक्ति – स्फूर्तिदायक टॉनिक की तरह कार्य करता है | सुबह – शाम इसे पानी के साथ निगलने से पेट को निरोग बनाता है, कब्ज व गैस को दूर करता है | इसकी मूँग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं | यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी हैं |*
➡ *अपनी आयु के जितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं, उतनी संख्या में मेथीदाने रोज धीरे – धीरे चबाना या चूसने से वृद्धावस्था में पैदा होनेवाली व्याधियों, जैसे – घुटनों व जोड़ों का दर्द, भूख न लगना, हाथों का सुन्न पड़ जाना, सायटिका, मांसपेशियों का खिंचाव, बार – बार मूत्र आना, चक्कर आना आदि में लाभ होता है | गर्भवती व स्तनपान करानेवाली महिलाओं को भुने मेथीदानों का चूर्ण आटे के साथ मिला के लड्डू बना के खाना लाभकारी है |*
💪🏻 *शक्तिवर्धक पेय* 💪🏻
*दो चम्मच मेथीदाने एक गिलास पानी में ४ – ५ घंटे भिगोकर रखें फिर इतना उबालें कि पानी चौथाई हिस्सा रह जाए | इसे छानकर २ चम्मच शहद मिला के पियें |*
💊 *औषधीय प्रयोग* 💊
👉🏻 *कब्ज : २० ग्राम मेथीदाने को २०० ग्राम ताजे पानी में भिगो दें | ५ – ६ घंटे बाद मसल के पीने से मल साफ़ आने लगता है | भूख अच्छी लगने लगती है और पाचन भी ठीक होने लगता है |*
🚶🏻♀ *जोड़ों का दर्द : १०० ग्राम मेथीदाने अधकच्चे भून के दरदरा कूट लें | इसमें २५ ग्राम काला नमक मिलाकर रख लें | २ चम्मच यह मिश्रण सुबह – शाम गुनगुने पानी से फाँकने से जोड़ों, कमर व घुटनों का दर्द, आमवात ( गठिया ) का दर्द आदि में लाभ होता है | इससे पेट में गैस भी नहीं बनेगी |*
🙇🏻 *पेट के रोगों में : १ से ३ ग्राम मेथीदानों का चूर्ण सुबह, दोपहर व शाम को पानी के साथ लेने से अपच, दस्त, भूख न लगना, अफरा, दर्द आदि तकलीफों में बहुत लाभ होता है |*
💪🏻 *दुर्बलता : १ चम्मच मेथीदानों को घी में भूनके सुबह – शाम लेने से रोगजन्य शारीरिक एवं तंत्रिका दुर्बलता दूर होती है |*
👩🏻 *मासिक धर्म में रुकावट : ४ चम्मच मेथीदाने १ गिलास पानी में उबालें | आधा पानी रह जाने पर छानकर गर्म – गर्म ही लेने से मासिक धर्म खुल के होने लगता है |*
🚶🏻 *अंगों की जकड़न : भुनी मेथी आटे में गुड़ की चाशनी मिला के लड्डू बना लें | १ – १ लड्डू रोज सुबह खाने से वायु के कारण जकड़े हुए अंग १ सप्ताह में ठीक हो जाते हैं तथा हाथ – पैरों में होनेवाला दर्द भी दूर होता है |*
💥 *विशेष : सर्दियों में मेथीपाक, मेथी के लड्डू, मेथीदानों व मूँग – दाल की सब्जी आदि के रूप में इसका सेवन खूब लाभदायी है|*
🔥 *सावधानी : मेथीदाने का सेवन शरद व ग्रीष्म ऋतुओं में, पित्तजन्य रोगों में तथा उष्ण प्रकृतिवालों को नही करना चाहिए |*
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November 22, 2024