🌹🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞🌹
🌤️ *दिनांक – 13 जनवरी 2024*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *अमांत – 29 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 23 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – पौष*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – द्वितीया सुबह 11:11 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र – श्रवण दोपहर 12:49 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
🌤️ *योग – वज्र सुबह 10:14 तक तत्पश्चात सिद्धि*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:52 से सुबह 11:09 तक*
🌞 *सूर्योदय- 07:14*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:36*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- पंचक (आरंभ :रात्रि 11:35)*
💥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *व्यतिपात योग* 🌷
➡️ *14 जनवरी 2024 रविवार को सुबह 06:23 से रात्रि 02:40 (15 जनवरी 02:40) तक व्यतिपात योग है।*
🙏🏻 *व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।*
🙏🏻 *वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *उत्तरायण विशेष* 🌷
➡️ *15 जनवरी 2024 सोमवार को (पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक मकर संक्राति (उत्तरायण) है।*
🙏🏻 *जिनके जीवन में अर्थ का अभाव… पैसों की तंगी बहुत देखनी पड़ती है जिनको कोई बहुत परेशान कर रहा है जिनके शरीर में रोग रहते हैं ..मिटते नहीं हैं उन सभी के लिए ये योग बहुत सुन्दर है क्या करें ?*
🙏🏻 *तपस्या कर सकें तो बहुत अच्छा है .. नमक -मिर्च नहीं खाना उस दिन आदित्यह्रदय स्त्रोत्र का पाठ भी जरुर करें ..जितना हो सके १/२/३ बार… जो आप चाहते हैं …सुबह स्नान आदि करके श्वास गहरा लेके रोकना …गायत्री मंत्र बोलना …संकल्प करना …”हम ये चाहते हैं प्रभु !…ऐसा हो ..” फिर श्वास छोड़ना … ऐसा ३ बार जरुर करें फिर अपना गुरु मंत्र का जप करें और सूर्य भगवन को अर्घ दें तो ये २१ मंत्र बोलें*
🌷 *ॐ सूर्याय नमः*
🌷 *ॐ रवये नमः*
🌷 *ॐ भानवे नमः*
🌷 *ॐ आदित्याय नमः*
🌷 *ॐ मार्तण्डाय नमः*
🌷 *ॐ भास्कराय नमः*
🌷 *ॐ दिनकराय नमः*
🌷 *ॐ दिवाकराय नमः*
🌷 *ॐ मरिचये नमः*
🌷 *ॐ हिरणगर्भाय नमः*
🌷 *ॐ गभस्तिभीः नमः*
🌷 *ॐ तेजस्विनाय नमः*
🌷 *ॐ सहस्त्रकिरणाय नमः*
🌷 *ॐ सहस्त्ररश्मिभिः नमः*
🌷 *ॐ मित्राय नमः*
🌷 *ॐ खगाय नमः*
🌷 *ॐ पूष्णे नमः*
🌷 *ॐ अर्काय नमः*
🌷 *ॐ प्रभाकराय नमः*
🌷 *ॐ कश्यपाय नमः*
🌷 *ॐ श्री सवितृ सूर्य नारायणाय नमः*
🙏🏻 *पौराणिक सूर्य भगवान की स्तुति का मंत्र अर्घ देने से पहले बोले :-*
🌷 *”जपा कुसुम संकाशं काश्य पेयम महा द्युतिम । तमो अरिम सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मी दिवाकर ।।”*
🙏🏻 *गाय को कुछ घास आदि डाल दें ।*
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