💥🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞💥
🌤️ *दिनांक – 14 जनवरी 2024*
🌤️ *दिन – रविवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – पौष*
🌤️ *अमांत – 30 गते पौष मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 24 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – तृतीया सुबह 07:59 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
🌤️ *नक्षत्र – धनिष्ठा सुबह 10:22 तक तत्पश्चात शतभिषा*
🌤️ *योग – व्यतीपात 15 जनवरी रात्रि 02:40 तक तत्पश्चात वरीयान*
🌤️ *राहुकाल – शाम 04:17 से शाम 05:34 तक*
🌞 *सूर्योदय -07:14*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:36*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- विनायक चतुर्थी ,लोहड़ी पर्व,(पंजाब हिमाचल प्रदेश,जम्मू-कश्मीर)पंचक,व्यतीपात योग (सुबह 06:23 से 15 जनवरी रात्रि 02:40 A M ),चतुर्थी क्षय तिथि*
💥 *विशेष – तृतीया को पर्वल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*💥 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*
💥 *रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*
💥 *स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *उत्तरायण / सूर्य मंत्र* 🌷
🙏🏻 *इसका जप करें । वो ब्रह्मवेत्ता महाव्याधि और भय, दरिद्रता और पाप से मुक्त हो जाता है ।*
🌞 *सूर्य देव का मूल मंत्र है –*
🌷 *ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः ।*
🙏🏻 *ये पद्म पुराण में आता है ….*
🌞 *सूर्य नमस्कार करने से ओज, तेज और बुद्धि की बढोत्तरी होती है |*
🌷 *ॐ सूर्याय नमः ।*
🌷 *ॐ रवये नमः ।*
🌷 *ॐ भानवे नमः ।*
🌷 *ॐ खगाय नमः ।*
🌷 *ॐ अर्काय नमः ।*
🙏🏻 *सूर्य नमस्कार करने से आदमी ओजस्वी, तेजस्वी और बलवान बनता है इसमें प्राणायाम भी हो जाते हैं ।*
💥 *विशेष -15 जनवरी 2024 सोमवार को मकर संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक ) है ।*
🌞 *~ वैदिक – पंचांग ~* 🌞
🌷 *स्वास्थ्य सुरक्षा की सुव्यवस्था*
➡ *15 जनवरी 2024 सोमवार को (पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक) मकर संक्रान्ति (उत्तरायण) है।*
🙏🏻 *मकर संक्रान्ति के दिन तिल गुड़ के व्यंजन और चावल में मूंग की दाल मिलाकर बनाई गई खिचड़ी का सेवन ऋतु-परिवर्तनजन्य रोगों से रक्षा करता है । इनका दान करने का भी विधान है ।*
🙏🏻 *मकर संक्रान्ति पर्व पर तिल के उपयोग की महिमा पर शास्त्रीय दृष्टि से प्रकाश डालते हुए पूज्य बापूजी कहते हैं : ‘’जो मकर संक्रांति में इन छह प्रकारों से तिलों का उपयोग करता है वह इहलोक और परलोक में वांछित फल पाता है – तिल का उबटन, तिलमिश्रित जल से स्नान, तिल-जल से अर्घ, तिल का होम, तिल का दान और तिलयुक्त भोजन । किंतु ध्यान रखें – रात्रि को तिल व उसके तेल से बनी वस्तुएं खाना वर्जित है ।‘’*
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November 22, 2024