*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞
*⛅दिनांक – 26 जनवरी 2024*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2080*
*⛅अयन – उत्तरायण*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*🌤️अमांत – 12 गते माघ मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि -6 पौष मास*
*⛅मास – माघ*
*⛅पक्ष – कृष्ण*
*⛅तिथि – प्रतिपदा रात्रि 01:19 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र – पुष्य सुबह 10:28 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*⛅योग – प्रीति सुबह 07:42 तक तत्पश्चात आयुष्मान्*
*⛅राहु काल – सुबह 11:11 से 12:29 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:11*
*⛅सूर्यास्त – 05:47*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:38 से 06:30 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:26 से 01:18 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – गणतंत्र दिवस*
*⛅विशेष -प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹माघ मास व्रत : 25 जनवरी से 24 फरवरी🔹*
*🔸माघ मास में सभी जल गंगाजल और सभी दिन पर्व के माने गये है । इस मास में सूर्योदय से पहले स्नान कर लें तो पित्त व ह्रदय संबंधी बीमारियों को विदाई मिल सकती है, आध्यात्मिक लाभ और लौकिक लाभ भी हो सकते है ।*
*ब्रह्मर्षि भृगुजी ने कहा है :*
*कृते तप: परं ज्ञानं त्रेतायां यजनं तथा ।*
*द्वापरे च कलौ दानं माघ: सर्वयुगेषु च ।।*
*🔸‘सतयुग में तपस्या को, त्रेता में ज्ञान को, द्वापर में भगवान के पूजन को और कलियुग में दान को उत्तम माना गया है परंतु माघ का स्नान सभी युगों में श्रेष्ठ समझा गया है ।’ (पद्म पुराण, उत्तरखंड २२१.८०)*
*🔸पद्म पुराण में महर्षि वसिष्ठजी ने कहा है : ‘वैशाख में जलदान, अन्नदान उत्तम है, कार्तिक मास में तपस्या, पूजा उत्तम है लेकिन माघ में जप, होम, दान, स्नान अति उत्तम हैं ।’*
*🔹माघ मास के स्नान का फायदा लेना चाहिए । और हो सके तो दान आदि करें, नहीं तो उबटन लगा के प्रात:स्नान करें, तर्पण व हवन करें । भोजन में ऐसी चीजों का उपयोग करें जिनसे पुण्यलाभ हो । मांस-मदिरा अथवा लहसुन-प्याज का त्याग करें ।पृथ्वी पर (चटाई, कम्बल आदि बिछाकर) शयन करें ।*
*🔸यत्नपूर्वक प्रात: (सूर्योदय से पूर्व) स्नान करने से विद्या, निर्मलता, कीर्ति, आयु, आरोग्य, पुष्टि, अक्षय धन की प्राप्ति होती है । कांति बढ़ती है । किये हुए दोषों व समस्त पापों से मुक्ति मिलती है । माघ-स्नान से नरक का डर दूर हो जाता है, दरिद्रता पास में फटक नहीं सकती है । पाप और दुर्भाग्य का सदा के लिए नाश हो जाता है और मनुष्य यशस्वी हो जाता है । जैसे उद्योगी, उपयोगी, सहयोगी व्यक्ति सबको हितकारी लगता है, ऐसे ही माघ मास सब प्रकार से हमारा हित करता है ।*
*🔸माघ मास में स्नान करते समय अगर सकाम भाव से स्नान करते हो तो वह मनोकामना पूरी होगी और निष्काम भाव से, ईश्वरप्रीति के लिए स्नान करते ही…’मै कौन हूँ?’ इस जिज्ञासा से अपने-आपको जानने के लिए प्रातः स्नान करते हो तो आपको अपने दृष्टा-स्वभाव का, साक्षी-स्वभाव का, ब्रह्म-स्वभाव का प्रसाद भी मिल सकता है ।*
*🔹बच्चों के लिए है बहुत जरूरी🔹*
*🔸जो बच्चे सदाचरण के मार्ग से हट गये हैं उनको भी पुचकार के, ईनाम देकर भी प्रात:स्नान कराओ तो उन्हें समझाने से मारने-पीटाने से या और कुछ करने से वे उतना नहीं सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नहीं सुधरेंगे जितना माघ मास में सुबह का स्नान करने से वे सुधरेंगे ।
*🔸पुरे माघ मास का फल🔸*
*🔸पूरा मास जल्दी स्नान कर सकें तो ठीक है, नहीं तो एक सप्ताह तो अवश्य करें । माघ मास की शुक्ल त्रयोदशी से माघी पूर्णिमा तक अंतिम ३ दिन प्रात:स्नान करने से भी महीनेभर के स्नान का प्रभाव, पुण्य प्राप्त होता है । जो वृद्ध या बीमार है, जिन्हें सर्दी-जुकाम आदि है वे सूर्यंनाड़ी अर्थात दायें नथुने से श्वास चलाकर स्नान करें तो सर्दी-जुकाम से रक्षा हो जायेगी ।*
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