उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्यूरो
श्मीरी ऐक्टिविस्ट-पत्रकार याना मीर ने यूके की संसद द्वारा आयोजित ‘संकल्प दिवस’ कार्यक्रम में कहा है, “मैं मलाला यूसुफज़ई नहीं हूं क्योंकि… मैं अपने देश भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हूं।” उन्होंने कहा, “मुझे कभी अपने देश से भागकर आपके देश में शरण लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी… भारत को उत्पीड़क बताकर उसे बदनाम करने के लिए मलाला की निंदा करती हूं।”