उत्तराखंड डेली न्यूज़ ;ब्यूरो
जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जायेंगे। इसी के साथ जनपद में श्री केदारनाथ धाम (चार धाम) यात्रा का शुभारम्भ हो जायेगा। जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस के स्तर से की जा रही तैयारियों पर आज पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने जनपदीय मीडिया बन्धुओं से जानकारी साझा करते हुए बताया कि श्री केदारनाथ यात्रा का पहला चरण जनपद की यातायात व्यवस्था से प्रारम्भ होता है। केदारनाथ के लिए जाते समय कुण्ड से लेकर गुप्तकाशी फाटा से सोनप्रयाग का रूट रहेगा। केदारनाथ से वापस आने पर गुप्तकाशी से कालीमठ तिराह, चुन्नी बैंड होते हुए कुण्ड के पास जो कि इस बार के लिए हमारी व्यवस्था बनायी गयी है सभी वाहन वहां से आयेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इन संकरे पैचों पर अनावश्यक रूप से जाम की समस्याओं से निजात पाया जा सके और वाहनों के आवागमन में बाधा उत्पन्न न हो। यातायात व्यवस्था के सफल संचालन हेतु सभी प्रकार की ड्यूटियों को सेक्टर मे बांटा गया है, और हर जगह पर हमारे यातायात के आरक्षी, मुख्य आरक्षी, उपनिरीक्षक व निरीक्षकों की तैनाती रहेगी। यातायात के सफल संचालन हेतु मूवेबल अर्थात दुपहिए वाहन सवार पुलिस कार्मिकों का यातायात बाधित होने या जाम की समस्या होने पर उनका उपयोग किया जायेगा। जहां पर भीड़ की स्थिति होगी या मार्ग संकरा है तो ऐसी जगह पर भी दुपहिए वाहन धारक पुलिस टीम पहुंचकर यातायात को सुगम करेगी। श्रद्धालुगण या उनके वाहन जब सोनप्रयाग पहुंचते हैं यहां से पुलिस का कार्य भीड़ नियन्त्रण व पार्किंग व्यवस्था सुचारु करने का रहता है। यात्री वाहनों के निर्धारित पार्किंग में खड़े कराये जाने के उपरान्त सोनप्रयाग के पास से शटल सेवा प्रारम्भ होती हैं, गत वर्षों की भांति इस बार भी शटल सेवा चलेगी। सोनप्रयाग से लेकर गौरीकुण्ड तक शटल सेवा के द्वारा यात्रियों के पहुंचने पर वे अपनी सुविधानुसार पैदल, डण्डी-कण्डी, घोड़ा-खच्चर के माध्यम से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेंगे। हर वर्ष की भांति यात्रा के सभी पैदल पड़ावों जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली, केदारनाथ आदि जगहों पर श्रद्धालुओं के सहयोग हेतु पुलिस चौकियां व्यवस्थित रहेंगी। इन सभी जगह पर पुलिस के स्तर से “खोया-पाया केन्द्र” भी संचालित किया जायेगा। कोई भी यात्री अपने परिजनों से बिछड़ता है या किसी का सामान गुम हो जाता है उनकी सहायता के लिए खोया-पाया केन्द्र प्रभावी रहेगा। कोई भी व्यक्ति इन पुलिस चौकी या खोया-पाया केन्द्र से सम्पर्क करके अपने खोये हुए सामान की या परिवार के सदस्य के बिछड़ जाने की सूचना देगें, इसके लिए 24 घण्टे पुलिस कन्ट्रोल रूम सक्रिय रहेगा। किसी भी प्रकार की सूचना मिलने या किसी भी तरह की समस्या आने पर पुलिस कन्ट्रोल रूम द्वारा सहायता प्रदान करायी जायेगी। इस बार हम एक पायलेट प्रोजेक्ट के आधार पर भी यातायात व्यवस्थाएं प्रारम्भ करने जा रहे हैं, जिसके क्रियान्वयन केसम्बन्ध में आने वाले समय में अवगत कराया जायेगा। गत वर्षों के यात्रा के अनुभव से यही देखा गया है कि अधिकांश यात्री दक्षिण भारत से मध्य भारत महाराष्ट्र, गुजरात आदि प्रदेशों और उत्तर भारत से आते हैं। इसी तरह से यात्रियों को सन्देश तथा सूचनाएं देने के लिए विभिन्न भाषाओं में साइन बोर्ड व साइनेजज बोर्ड लगाए जा रहे हैं। इन मल्टीलिंग्वल (मराठी, गुजराती, अंग्रेजी, हिन्दी एवं तमिल) साइनेजेज बोर्ड को जनपद की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार हम तीन प्रकार के साइनेजज लगाये जा रहे हैं। जिसमे पहला जब यात्रा परिवहन कर जनपद सीमा में पहुंचेगा उनको पंजीकरण करने सहित अन्य किन बातों का ध्यान रखना चाहिए की जानकारी, जनपद के मध्य भाग में पहुंचने पर आप परिवहन करेंगे उसमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, यात्री जब आवागमन कर रहे हैं तब किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे हैलीकॉप्टर ठगी से बचाव, घोड़े खच्चरों से यात्रा करने सम्बन्धी निर्देश, मौसमानुकूल कपड़े इत्यादि साथ में रखने सम्बन्धी निर्देश तथा पैदल यात्रा मार्ग सम्बन्धी निर्देश रहेंगे। तीसरा जो साइन बोर्ड होगा वह श्री केदारनाथ धाम के लिए होगा वहां पर भीड़ में आपको सेफ्टी कैसे रखनी है, वहां के वातावरण के अनुकूल होने के लिए या वहां पर मौसम में जो बदलाव आता है, उससे खुद को बचाव करने के लिए क्या क्या चीजें करनी है। इसके अतिरिक्त जनपद मे संचालित होने वाले यातायात को लेकर जो समस्या है को ध्यान में रखते हुए जो भी परिवहन के वाहन इत्यादि और उनके चालक रहेंगे पुलिस के स्तर से औचक तौर पर चेकिंग की जायेगी। यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि कोई भी वाहन चालक चालक शराब या किसी अन्य नशे में न हो ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की समस्या या यात्रा मार्ग पर किसी भी प्रकार जनहानि या क्षति न हो।
इसके अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने मीडिया बन्धुओं को अवगत कराया गया कि पुलिस कार्मिकों का व्यवस्थापन, यात्रा पड़ावों पर नियुक्ति से पूर्व प्रशिक्षण इत्यादि की कार्यवाही की जायेगी तथा अतिरिक्त पुलिस बल की उपलब्धता होने उनकी तैनाती यात्रा पड़ावों पर की जायेगी। पुलिस की अन्य तैयारियों के सम्बन्ध में पृथक से जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी।