
*~ हिन्दू पंचांग ~*

*दिनांक – 07 मई 2024*
*दिन – मंगलवार*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
*शक संवत -1946*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
*अमांत – 25 गते वैशाख मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 17 चैत्र मास*
*मास – वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – चतुर्दशी सुबह 11:40 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र – अश्विनी शाम 03:32 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग – आयुष्मान रात्रि 08:59 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*राहुकाल – शाम 03:34 से शाम 05:14 तक*
*सूर्योदय- 05:30*
*सूर्यास्त- 18:59*
*दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या*
*विशेष – चतुर्दशी अमावस्या पूर्णिमा व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार*
*”अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”*
*जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।*
*विशेष – 07 मई 2024 मंगलवार को दर्श अमावस्या और 08 मई, बुधवार को वैशाख अमावस्या है।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*समृद्धि बढ़ाने के लिए*
*कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
*दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें , जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
*~ वैदिक पंचांग ~*
*खेती के काम में ये सावधानी रहे*
*ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |*