*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 17 जुलाई 2024*
*⛅दिन – बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायण*
*⛅ऋतु – वर्षा*
*🌧️अमांत – 2 गते श्रवण मास प्रविष्टि*
*🌤️राष्ट्रीय तिथि – 27 आषाढ़ मास*
*⛅मास – आषाढ़*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – एकादशी रात्रि 09:02 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*⛅नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 03.13 जुलाई 18 तक तत्पश्चात जयेष्ठा*
*⛅योग – शुभ प्रातः 07:05 तक तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅राहु काल – दोपहर 12:23 से दोपहर 02:06 तक*
*⛅सूर्योदय – 05:28*
*⛅सूर्यास्त – 07:19*
*⛅दिशा शूल – उत्तर दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:39 से 05:22 तक*
*⛅ अभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:25 जुलाई 18 से रात्रि 01:07 जुलाई 18 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – देवशयनी एकादशी, चातुर्मास व्रतारम्भ, गौरी व्रत प्रारम्भ, सर्वार्थ सिद्धि योग व अमृत सिद्धि योग (प्रातः 06:04 से रात्रि 03:13 जुलाई 18 तक)*
🕉️एकादशी का उपवास आज ही रहे🕉️
*⛅विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹देवशयनी एकादशी – 17 जुलाई 2024🌹*
*🔹एकादशी व्रत के लाभ🔹*
*🔸 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*🔸 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*🔸 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*🔸 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*🔸 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*🔸 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
*🔹बातें छोटी-छोटी, लाभ ढेर सारा🔹*
*🔸 प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय के बाद नीम व तुलसी के पाँच-पाँच पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से प्लेग तथा कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है और यादशक्ति भी बढ़ती है ।*
*🔸४० दिन तक रोज बिल्वपत्र के ७ पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से स्वप्नदोष की बीमारी से छुटकारा मिलता है ।*
*🔸सुबह खाली पेट चुटकीभर साबुत चावल (अर्थात् चावल के दाने टूटे हुए न हो) ताजे पानी के साथ निगलने से यकृत (लीवर) की तकलीफें दूर होती है और वह ठीक हो जाता है ।*
*🔸 सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने से जीवनशक्ति का बहुत ह्रास होता है तथा बुढ़ापा जल्दी आता है । पाचनशक्ति मंद हो जाती है, भूख मर जाती है, दिमाग कमजोर होने लगता है, गुदा और वीर्याशय ढीले पड़ जाते हैं । डायबिटीज जैसे रोग होते हैं और नींद उड़ जाती है ।*
*🔸 भोजन कम से कम २५ मिनट तक खूब चबा चबाकर करना चाहिए । भोजन से पूर्व अदरक के दो-चार टुकड़े सेंधा नमक व नींबू मिलाकर खाने से मंदाग्नि दूर होती है ।*
*🔸 प्रतिदिन स्नान से पूर्व दोनों पैरों के अंगूठों पर सरसों का तेल मलने से वृद्धावस्था तक नेत्रज्योति कमजोर नहीं होती । सुबह नंगे पैर हरी घास पर चलने से तथा आँवला खाने से नेत्रज्योति बढ़ती है ।*
*🔹शत्रुओं की बदनीयत विफल करने हेतु🔹*
*🔸जो शत्रुओं से घिरा है वह सद्गुरु के द्वार पर जब आरती होती हो तो उसका दर्शन करे, उसके सामने शत्रुओं की दाल नहीं गलेगी ।*
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