*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 12 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन – शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*⛅ अमांत – 23 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
*⛅ राष्ट्रीय तिथि – 17 आश्विन मास*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – नवमी प्रातः 10:58 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र – श्रवण प्रातः 04:27 अक्टूबर 13 तक तत्पश्चात धनिष्ठा*
*⛅योग – धृति रात्रि 12:22 अक्टूबर 13 तक, तत्पश्चात शूल*
*⛅राहु काल – प्रातः 09:12 से प्रातः 10:37 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:17*
*⛅सूर्यास्त – 05:50*
*⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:57 से 05:46 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:02 से दोपहर 12:49 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:01 अक्टूबर 13 से रात्रि 12:51 अक्टूबर 13 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण – सरस्वती विसर्जन, आयुध पूजा, दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), दशहरा, दक्षिण सरस्वती पूजा, बुद्ध जयन्ती, दक्ष सावर्णि मन्वादि, सर्वार्थ सिद्धि योग (प्रातः 05:25 से प्रातः 06:35 तक)*
*⛅विशेष – नवमी को लौकी खाना गौमाँस के सामान त्याज्य है व दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹विजयादशमी : 12 अक्टूबर 2024🔹*
*🔸विजयादशमी का दिन बहुत महत्त्व का है और इस दिन सूर्यास्त के पूर्व से लेकर तारे निकलने तक का समय अर्थात् संध्या का समय बहुत उपयोगी है ।*
*🔸दशहरे की संध्या को भगवान को प्रीतिपूर्वक भजे और प्रार्थना करे ।*
*🔸‘ॐ’ का जप करने से लौकिक कामनाओं की पूर्ति, आध्यात्मिक चेतना में वृद्धि और जीवन में दिव्यता तथा परमात्मा की प्राप्ति होती है ।*
*🔹 दशहरा के दिन जपने योग्य मंन्त्र 🔹*
*🔸 दशहरे की शाम को सूर्यास्त होने से कुछ समय पहले से लेकर आकाश में तारे उदय होने तक का समय सर्व सिद्धिदायी विजयकाल कहलाता है ।*
*🔸 इस विजयकाल में थोड़ी देर “राम रामाय नमः” मंत्र के नाम का जप करें ।*
*🔸 मन-ही-मन भगवान को प्रणाम करके प्रार्थना करें कि हे भगवान सर्व सिद्धिदायी विजयकाल चल रहा है, हम विजय के लिए “ॐ अपराजितायै नमः “मंत्र का जप कर रहे हैं ।*
*🔸 श्री हनुमानजी का सुमिरन करते हुए नीचे दिए गए मंत्र की एक माला जप करें ।*
*”पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि विवेक विज्ञान निधाना।”*
*🔸दशहरे के दिन विजयकाल में इन मंत्रों का जप करने से अगले साल के दशहरे तक गृहस्थ में जीनेवाले को बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं ।*
*🔹नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए🔹*
*🔸दशहरे से शरद पूनम तक चन्द्रमा की चाँदनी में विशेष हितकारी रस, हितकारी किरणें होती हैं । इन दिनों चन्द्रमा की चाँदनी का लाभ उठाना, जिससे वर्षभर आप स्वस्थ और प्रसन्न रहें । नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए दशहरे से शरद पूर्णिमा तक प्रतिदिन रात्रि में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा के ऊपर त्राटक (पलकें झपकाये बिना एकटक देखना) करें ।*
🙏🌹💐🪷🪻🌺🌸🌻🌹🙏