🌞 *~ हिंदू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक – 30 नवम्बर 2024*
🌤️ *दिन – शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – हेमंत ॠतु*
🌥️ *अमांत – 15 गते मार्गशीर्ष मास प्रविष्टि*
🌥️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 मार्गशीर्ष मास*
🌤️ *मास – मार्गशीर्ष (गुजरात-महाराष्ट्र कार्तिक)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – चतुर्दशी सुबह 10:29 तक तत्पश्चात अमावस्या*
🌤️ *नक्षत्र – विशाखा दोपहर 12:35 तक तत्पश्चात अनुराधा*
🌤️ *योग – अतिगण्ड शाम 04:045 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 09:32 से सुबह 10:49 तक*
🌤️ *सूर्योदय 06:55*
🌤️ *सूर्यास्त – 5:17*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – दर्श अमावस्या*
💥 *विशेष- चतुर्दशी व अमावस्या एवं व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
💥 *ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार* 🌷
➡️ *30 नवम्बर 2024 शनिवार को दर्श अमावस्या एवं 01 दिसम्बर, रविवार को मार्गशीर्ष अमावस्या है।*
*”अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते ।। तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”*
🍲 *जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महिने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी/दाता को मिल जाता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *समृद्धि बढ़ाने के लिए* 🌷
🌙 *कर्जा हो गया है तो अमावस्या के दूसरे दिन से पूनम तक रोज रात को चन्द्रमा को अर्घ्य दे, समृद्धि बढेगी ।*
🙏🏻 *दीक्षा मे जो मन्त्र मिला है उसका खूब श्रध्दा से जप करना शुरू करें , जो भी समस्या है हल हो जायेगी ।*
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🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *खेती के काम में ये सावधानी रहे* 🌷
🚜 *ज़मीन है अपनी… खेती काम करते हैं तो अमावस्या के दिन खेती का काम न करें …. न मजदूर से करवाएं | जप करें भगवत गीता का ७ वां अध्याय अमावस्या को पढ़ें …और उस पाठ का पुण्य अपने पितृ को अर्पण करें … सूर्य को अर्घ्य दें… और प्रार्थना करें ” आज जो मैंने पाठ किया …अमावस्या के दिन उसका पुण्य मेरे घर में जो गुजर गए हैं …उनको उसका पुण्य मिल जाये | ” तो उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पति बढ़ेगी |*
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🌞 *~ वैदिक पंचाग ~* 🌞 दिसंबर पंचक 2024
पंचक 7 दिसंबर 2024, सुबह 05.07 –
11 दिसंबर 2024, रात 11.4
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