*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 03 जनवरी 2025*
*⛅दिन – शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शिशिर*
*🌥️ अमांत – 19 गते पौष मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 13 पौष मास*
*⛅मास – पौष*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – चतुर्थी रात्रि 11:39 तक, तत्पश्चात पञ्चमी*
*⛅नक्षत्र – धनिष्ठा रात्रि 10:22 तक तत्पश्चात शतभिषा*
*⛅योग – वज्र दोपहर 12:38 तक, तत्पश्चात सिद्धि*
*⛅राहु काल – सुबह 11:05 से दोपहर 12:21 तक*
*⛅सूर्योदय – 07:13*
*⛅सूर्यास्त – 05:29*
*⛅दिशा शूल – पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:35 से 06:28 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:23 से दोपहर 01:06 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:18 जनवरी 04 से रात्रि 01:11 जनवरी 04 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण – विनायक चतुर्थी*
*⛅विशेष – चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹हवन-यज्ञ क्यों ?🔹*
*🔹वैश्विक समस्याओं में जाति, मत, पंथ, देश के दायरों से परे होकर देखें तो जो विकराल समस्याएँ हैं उनमें से एक है वातावरण और वैचारिक प्रदूषण की समस्या । विभिन्न देशों द्वारा करोड़ों-अरबों डॉलर खर्च करके उपाय खोजे व किये जा रहे हैं परंतु यह समस्या वैसी ही बनी हुई है । इसके निवारण हेतु विश्व अब भारत की प्राचीन धरोहर यज्ञ-हवन की ओर एक आशाभरी नजर से देख रहा है। यह हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा चलायी गयी परम्परा है और समय-समय पर महापुरुषों द्वारा इसे सुविकसित व लोकसुगम्य बनाया गया है ।*
*🔹कारखानों व गाड़ियों आदि के धुएँ से वातावरण दूषित होता है, जिससे फेफड़ों व श्वास के विभिन्न रोग होते हैं । यज्ञ-हवन दूषित वायुमंडल को तो शुद्ध करता ही है, साथ ही इससे मानसिक कुविचारों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है ।*
*🔹प्रज्वलित खाँड (अपरिष्कृत शक्कर) में वायु को शुद्ध करने की अत्यधिक शक्ति होती है । घी की आहुति से वातावरण शुद्धि तथा विभिन्न रोगों के कीटाणुओं का नाश होता है । अतः जिन स्थानों पर हवन होता है वहाँ फसल अच्छी होती है ।*
*🔹श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ पूज्य बापूजी यज्ञ की उपयोगिता समझाते हुए कहते हैं : “तुम्हारे जीवन में यज्ञ के लिए भी स्थान होना चाहिए । श्रीकृष्ण बताते हैं : यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि… ‘सब प्रकार के यज्ञों में जपयज्ञ मैं हूँ।’ (गीता : १०.२५)*
*परंतु आहुति देकर जो यज्ञ होते हैं, वे भी अच्छे हैं, उनका भी अपना महत्त्व है ।*
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