उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी के नवम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग कर 20 शिक्षार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, 02 शिक्षार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 13 छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की एवं 03 शिक्षार्थियों को प्रायोजित स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2023-24 शैक्षिक सत्र के विभिन्न शाखाओं के 17084 शिक्षार्थियों की उपाधियां डिजिलॉकर पर लाइव की गई। इस अवसर पर डॉ0 हेमचन्द्र को डी.लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने पुस्तक ‘उड़ान’ का विमोचन किया साथ ही प्रो. ओम प्रकाश सिंह नेगी को सम्मानित किया गया।शिक्षा के इस पावन उत्सव पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह केवल एक दीक्षांत समारोह कार्यक्रम नहीं है अपितु यह एक ज्ञान, परिश्रम और साधना प्राप्त सभी उपलब्धियों का उत्सव है। उन्होंने कहा कि यह केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है बल्कि यह राष्ट्र के भविष्य को सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सिल्वर जुबली वर्ष मना रहा है इस नए वर्ष में हमने नए संकल्प लेने है जिससे प्रदेश एवं राष्ट्र की उन्नति में द्योतक हो।राज्यपाल ने कहा कि टेक्नोलॉजी, रिसर्च, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन टेक्नोलॉजी आदि तकनीकों के बल पर आगे बढ़ते हुए परिवर्तन की एक क्रांति लाएं। भारत के लिए ज्ञान-विज्ञान प्रणाली से नए रिकॉर्ड स्थापित करें।उन्होंने कहा कि अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि आज यहां उपाधि प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक है। यह दर्शाता है कि सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के संकल्प की सिद्धि के रूप में परिलक्षित हो रही है। उन्होंने कहा बेटियां आज जिस तरह से मुकाम हासिल कर रही है जल्द ही सन् 2047 में भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर हो रहा है और यह मुकाम जरूर हासिल होगा।राज्यपाल नेे विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय दिव्यांगजनों हेतु अनेक कार्यक्रम संचालित कर रहा है। दिव्यांग छात्रों को पढ़ाने हेतु विश्वविद्यालय शिक्षकों को तैयार कर रहा है। विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या निरंतर बढ़ना इस बात को बताता है कि विश्वविद्यालय के प्रति छात्रों का निरंतर भरोसा बढ़ रहा है। उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय ने प्रदेश की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने कई पाठ्यक्रमों का निर्माण भी किया है। इन पाठ्यक्रमों में उत्तराखण्ड राज्य की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक व साहित्यिक विरासत को छात्र पढ़ रहे हैं। विश्वविद्यालय ने राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप हर क्षेत्र में पहल की है।राज्यपाल ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय ने ऐसे बहुत से लोगों को अवसर उपलब्ध कराए हैं जो कि औपचारिक शिक्षा नहीं ले सके, जो अपनी अकादमिक योग्यता को बढ़ाना चाहते थे, और जो आत्म समृद्धि के लिए तथा ज्ञान के उन्नयन के लिए पढ़ना चाहते थे। मुक्त विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा को जन-सामान्य तक पहुंचाया तथा किशोरों और कामकाजी वयस्कों सहित, विभिन्न आयु समूहों ने इस शिक्षा प्रणाली का लाभ उठाया है। उच्च शिक्षा की पहुंच को बढ़ाने में दूरस्थ शिक्षा की सराहनीय भूमिका रही है। दूर-दराज के इलाकों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में इस विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञान एवं जानकारियों का संचय नहीं है। उन्होंने कहा अपने खुद के आत्मविश्वास को पहचानिए, विकल्पों की कोई कमी नहीं है कमी है तो संकल्प की। उन्होंने कहा एक बार संकल्प ले लिया, जरूर सिद्धि मिलेगी। उन्होंने कहा अपने समर्पण से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान के लिए कार्य करें, समाज के सबसे कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाएं।अपने संबोधन में सचिव उच्च शिक्षा रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा उत्तराखण्ड राज्य देश का प्रथम राज्य है जिसने नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को लागू किया है। उन्होंने कहा उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग निरंतर समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा की समग्रता एवं विभिन्न आयामों पर विचार करते हुए शिक्षा के द्वारा समाज, प्रदेश तथा राष्ट्र का सर्वांगीण विकास कैसे हो सकता है इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने कहा समाज, प्रदेश व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी सम्पूर्ण निष्ठा और मानवोचित मूल्यों के साथ संपादित करें। उन्होंने कहा नवीन चुनौतियों से निपटने, विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने और उच्च शिक्षा को निर्बाध रूप से बनाए रखने हेतु प्रदेश उच्च शिक्षा संस्थानों में 5-जी इंटरनेट, वाई-फाई सेवा, ई-ग्रंथालय के साथ-साथ पुस्तकों एवं शिक्षकों की संपूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रमुख लक्ष्य है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो0 ओम प्रकाश सिंह नेगी ने सभी का अभिवादन किया और उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय अपनी प्रगति यात्रा के 21वें वर्ष में चल रहा है। उन्होंने कहा मुक्त विश्वविद्यालय में 14 विद्या शाखाओं के भीतर 94 पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में विभिन्न कौशल एवं रोजगारपरक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय ने 5 गांव गोद लिए है जिसके अंतर्गत गोद लिए गांवों में शिक्षा, कम्प्यूटर जागरूकता से संबंधित अनेक कार्य किए जा रहे हैं।कार्यक्रम में जिलाधिकारी वंदना, प्रो, दुर्गेश पंत, आरसी बिंजोला, सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, उपजिलाधिकारी पारितोष वर्मा के साथ ही मुक्त विश्वविद्यालय कुलसचिव खेमराज भट्ट, विश्वविद्यालय के समस्त शाखाओं के निदेशक, प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।