उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो
यूपीईएस, भारत के प्रमुख मल्टीडिसप्लनेरी विश्वविद्यालयों में से एक, ने अपनी वैश्विक पहचान को और मजबूत करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग और किंग्स कॉलेज लंदन जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ साझेदारी की है। 2025 QS ग्लोबल रैंकिंग में इन संस्थाओं का स्थान क्रमशः 27 और 40 है, जो शिक्षा और अनुसंधान में उनकी उत्कृष्टता को दर्शाता है।इन रणनीतिक साझेदारियों से ऐकडेमिक एक्सेलेंस को बढ़ावा मिलेगा, रिसर्च में इनोवेशन को प्रोत्साहन मिलेगा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, जो यूपीईएस की इस कमिटमेंट के अनुरूप है कि वह अपने छात्रों को वैश्विक अनुभव और सीखने के अवसर प्रदान करे।यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) का उद्देश्य यूपीईएस के ग्लोबल पाथवे प्रोग्राम्स को मजबूत करना और इसके इंजीनियरिंग स्कूल में प्रगति के अवसरों को बढ़ाना है। यह साझेदारी 2+2, 2+3 और 4+1 जैसे एकीकृत कार्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रदान करती है, जिससे छात्रों को यूपीईएस में अपनी पढ़ाई का एक हिस्सा पूरा करने और फिर यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में जारी रखने का अवसर मिलता है। यूपीईएस के छात्र विशेष स्कालरशिप के लिए पात्र होंगे, और यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग अंतिम डिग्री प्रदान करेगी। इसके अलावा, छात्र यूपीईएस में अपनी बैचलर डिग्री पूरी करने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग में सीधे मास्टर प्रोग्राम में प्रवेश लेने का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिससे उनके शैक्षिक और करियर संभावनाओं का और विस्तार होगा किंग्स कॉलेज लंदन के साथ साझेदारी में कई सहयोगात्मक पहलें शामिल हैं, जिनमें जॉइंट रिसर्च परियोजनाएँ शामिल हैं, जो दोनों संस्थानों के लिए लाभकारी क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देती हैं। यह साझेदारी यूपीईएस के छात्रों को एक्सचेंज प्रोग्राम, समर स्कूलों और अन्य शैक्षिक अनुभवों में भाग लेने का अवसर प्रदान करती है, जिससे उन्हें ग्लोबल एक्सपोज़र से अपनी शैक्षिक यात्रा को और समृद्ध करने का अवसर मिलता है। फैकल्टी एक्सचेंज भी इस सहयोग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अकादमिक विशेषज्ञता और रिसर्च नॉलेज के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, आर्टिकुलेशन समझौतों के माध्यम से छात्रों को किंग्स कॉलेज लंदन में अपनी पढ़ाई जारी रखने का रास्ता मिलता है। यह साझेदारी शैक्षिक प्रकाशनों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देती है, जिससे रिसर्च प्रभाव को फैलाया जाता है और दोनों संस्थानों के बीच शैक्षिक संवाद को मजबूत किया जाता है।यूपीईएस के वाईस चांसलर, डॉ. राम शर्मा ने कहा, “ऐसी सहयोगात्मक साझेदारियाँ हमारी ग्लोबल एजुकेशन यात्रा का अभिन्न हिस्सा हैं। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ जुड़ने से, हमारा लक्ष्य नॉलेज के आदान-प्रदान, ऐकडेमिक एक्सेलेंस और परिवर्तनकारी अवसरों का एक जीवंत माहौल बनाना है, जो हमारे छात्रों और फैकल्टी को वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।”अभिषेक सिन्हा, डीन, स्कूल ऑफ लॉ और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख, यूपीईएस, ने इन साझेदारियों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और किंग्स कॉलेज लंदन के साथ हमारे सहयोग हमारे प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो विश्वस्तरीय शिक्षा और रिसर्च के अवसर प्रदान करने के लिए हैं। इन साझेदारियों से हमारे छात्रों को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने का अवसर मिलता है, और वे अंतर्राष्ट्रीय कार्यस्थल में सफलता के लिए आवश्यक स्किल्स प्राप्त करते हैं। एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी एकीकृत पाठ्यक्रमों और सीधे मास्टर की डिग्री के लिए अवसर प्रदान करती है, जबकि किंग्स कॉलेज लंदन के साथ हमारा सहयोग जॉइंट रिसर्च, छात्र-आदान-प्रदान और फैकल्टी एक्सचेंज की दिशा में नया कदम है। इन प्रयासों से हम वैश्विक ऐकडेमिक एक्सीलेंस की एक नई परंपरा स्थापित कर रहे हैं, जिससे हमारे छात्र एक इंटरकनेक्टेड दुनिया में भविष्य के नेतृत्व के लिए तैयार होंगे।”इन सहयोगों के साथ, यूपीईएस अपनी स्थिति को एक विश्वविद्यालय के रूप में मजबूत करता है जो ग्लोबल लीडर्स, रिसर्चर्स और प्रोफेशनल्स को तैयार करने के लिए कमिटेड है, ताकि वे एक गतिशील दुनिया में सफलता प्राप्त करने के लिए जरूरी स्किल और नॉलेज से युक्त हों।