नई दिल्ली । बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल दो दिन के लिए बंद किए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, पांचवीं क्लास तक के स्कूल ही बंद रहेंगे। गुरुवार (2 नवंबर) को राजधानी में दिनभर धुंध छाई रही। ऐसे में प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। वायु प्रदूषण बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक माना जाता है।
इससे पहले दिल्ली में एयर क्वालिटी के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बाद चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तीसरे चरण को लागू कर दिया गया. इसके तहत गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों और डीजल से चलने वाले ट्रकों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया।
केंद्र सरकार की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना जीआरएपी सर्दी के मौसम के दौरान दिल्ली-एनसीआर में लागू की जाती है. शाम पांच बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 402 रहा. दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा से संबंधित बैठक में, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर अभी और बढ़ने की आशंका है।
सीएक्यूएम क्षेत्र में प्रदूषण से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने वाला एक वैधानिक निकाय है. वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर जीआरएपी को चार चरणों में वर्गीकृत किया गया है. पहला चरण एक्यूआई 201 से 300 (खराब), दूसरा चरण एक्यूआई 301 से 400 (बहुत खराब), तीसरा चरण एक्यूआई 401 से 450 (गंभीर) और चौथा चरण एक्यूआई 450 (अति गंभीर) होने पर लागू किया जाता है।
जीआरएपी के तीसरे चरण में आवश्यक सरकारी परियोजनाओं, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण, तोड़फोड़ कार्यों पर पूरी तरह रोक लगा दी जाती है. तीसरे चरण में दिल्ली से बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों, डीजल से चलने वाले ट्रकों, और मध्यम व भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को छोड़कर) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।