उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्यूरो
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के उस प्रावधान की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा जिसके तहत हिंदू जोड़ों के बीच ‘सपिंड’ विवाह प्रतिबंधित है। गौरतलब है कि किन्हीं दो हिंदू व्यक्तियों के बीच मातृ पक्ष की तीन पीढ़ियों और पैतृक पक्ष की 5 पीढ़ियों में हुई शादी को ‘सपिंड’ विवाह कहा जाता है।