🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌤️ *दिनांक -29 अप्रैल 2024*
🌤️ *दिन – सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन – उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु – ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *अमांत – 15 गते वैशाख मास प्रविष्टि*
🌤️ *राष्ट्रीय तिथि – 9 चैत्र मास*
🌤️ *मास – वैशाख (गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार चैत्र)*
🌤️ *पक्ष – कृष्ण*
🌤️ *तिथि – पंचमी सुबह 07:57 तक तत्पश्चात षष्ठी*
🌤️ *नक्षत्र – पूर्वाषाढा 30 अप्रैल प्रातः 04:42 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
🌤️ *योग – सिद्ध रात्रि 12:26 तक तत्पश्चात साद्ध*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 07:18 से सुबह 08:57 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:36*
🌤️ *सूर्यास्त- 17:53*
👉 *दिशाशूल – पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण – पूज्य बापूजी का अवतरण दिवस अर्थात विश्व सेवा दिवस*
💥 *विशेष – * पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *बुधवारी अष्टमी* 🌷
➡ *01 मई 2024 बुधवार को सूर्योदय से 02 मई प्रात: 04:01 तक बुधवारी अष्टमी है ।*
👉🏻 *मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि*
🙏🏻 *सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।*
🙏🏻 *इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्यश्वर संहिताः अध्याय 10)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *पेशाब में जलन होती हो तो* 🌷
👉🏻 *कपड़े को गीला करके नाभि पर रखे तो पेशाब में और पेशाब की जगह होनेवाली जलन शीघ्र ही कम हो जायेगी |*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *वास्तु शास्त्र* 🌷
🏡 *एक घर में होना चाहिए एक मंदिर*
*एक घर में अलग-अलग पूजाघर बनवाने की बजाए मिल-जुलकर एक मंदिर बनवाए। एक घर में कई मंदिर होने पर वहां के सदस्यों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *घर में बरकत नहीं हो तो* 🌷
💵 *घर में बरकत नहीं होती तो खडी हल्दी की सात गाँठे और खड़ा नमक कपडे में बांध लें और कटोरी में रख दें घर के किसी भी कोने में, बरकत होगी |*
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