
*~ हिन्दू पंचांग ~
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*दिनांक – 26 दिसम्बर 2024*
*दिन – गुरुवार*
*विक्रम संवत् – 2081*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शिशिर*
* अमांत – 12 गते पौष मास प्रविष्टि*
* राष्ट्रीय तिथि – 5 पौष मास*
*मास – पौष*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – एकादशी रात्रि 12:43 दिसम्बर 27 तक, तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र – स्वाती शाम 06:09 तक तत्पश्चात विशाखा*
*योग – सुकर्मा रात्रि 10:24 तक, तत्पश्चात धृति*
*राहु काल – दोपहर 01:33 से दोपहर 02:49 तक*
*सूर्योदय – 07:11*
*सूर्यास्त – 05:25*
*दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:32 से 06:25 तक*
*अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:19 से दोपहर 01:02 तक*
*निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:14 दिसम्बर 27 से रात्रि 01:07 दिसम्बर 27 तक*
* व्रत पर्व विवरण – बाल शहीद दिवस, मण्डला पूजा, सफला एकादशी*
*विशेष – एकादशी को सिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?
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*1.एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*
*2. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*
*4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*
*4. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*
*5. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) – इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) – इनका सेवन न करें ।*
*6. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*
*7. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*
*8. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*
*09. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*
*10. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*
*11. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*
*12. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*
*13. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*