
*~ हिन्दू पंचांग ~
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*दिनांक – 30 जनवरी 2025*
*दिन – गुरुवार*
*विक्रम संवत् – 2081*
*अयन – उत्तरायण*
*ऋतु – शिशिर*
*अमांत – 17 गते माघ मास प्रविष्टि*
*राष्ट्रीय तिथि – 9 माघ मास*
*मास – माघ*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – प्रतिपदा शाम 04:10 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र – श्रवण प्रातः 07:15 तक तत्पश्चात धनिष्ठा प्रातः 05:50 जनवरी 31 तक, तत्पश्चात शतभिषा*
*योग – व्यतीपात शाम 06:33 तक, तत्पश्चात वरियान*
*राहु काल – दोपहर 01:50 से दोपहर 03:09 तक*
*सूर्योदय – 07:09*
*सूर्यास्त – 05:52*
*दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 05:37 से 06:28 तक*
*अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:31 से दोपहर 01:15 तक*
*निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:27 जनवरी 31 से रात्रि 01:19 जनवरी 31 तक*
*व्रत पर्व विवरण – माघी गुप्त नवरात्रि आरम्भ, व्यतीपात योग (सूर्योदय से शाम 06:33 तक)*
*विशेष – प्रतिपदा को कुष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*सबके लिए क्यों जरूरी है सूर्यस्नान ?
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*सूर्य की किरणों में जो रोगप्रतिकारक शक्ति है, रोगनाशिनी शक्ति है वह दुनिया की सब औषधियों को मिलाकर भी नहीं मिलती है ।*
*डॉक्टर सोले कहते हैं : “सूर्य में जितनी रोगनाशक शक्ति है उतनी संसार के अन्य किसी पदार्थ में नहीं है ।*
* कैंसर, नासूर, भगंदर आदि दुःसाध्य रोग, जो बिजली या रेडियम के प्रयोग से भी ठीक नहीं किये जा सकते, वे सूर्य-रश्मियों के प्रयोग से ठीक होते हुए मैंने देखे हैं ।”*
*जो माइयाँ सूर्यकिरणों से अपने को बचाये रखती हैं उनके जीवन में ज्यादा बीमारियाँ देखी जा सकती हैं । इसलिए रोज सुबह सिर को कपड़े से ढककर ८ मिनट सूर्य की ओर मुख व १० मिनट पीठ करके बैठना चाहिए । ऐसा सूर्यस्नान लेटकर करें तो और अच्छा ।*
*डॉक्टर होनर्ग ने लिखा है: ‘रक्त का पीलापन, पतलापन, लोह (हीमोग्लोबिन) की कमी, नसों की दुर्बलता, कमजोरी, थकान, पेशियों की शिथिलता आदि बीमारियों का सूर्य किरण की मदद से इलाज करना लाजवाब है ।’*