
उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो

पिथौरागढ़। आखिरकार विवादों में रही चंडिकाघाट मंदिर कमेटी को तुलानी, कुसैल, मोडी के ग्रामीणों ने बैठक कर भंग कर यहां की व्यवस्था अपने हाथों में ले ली है। जल्द नई कार्यकारिणी का पंजीकरण होगा। स्थानीय लोगों ने एक व्यक्ति पर अवैध रूप से मंदिर कमेटी बनाकर अपना अधिकार जमाने का आरोप लगाया था। क्षेत्र के लोग संबंधित पर कार्रवाई करने की मांग पर धरने पर भी बैठे थे। ऐसे में नई कार्यकारिणी के पंजीकरण के बाद इस विवाद का पटाक्षेप होने की उम्मीद है।
कुसैल, तुलानी और मोडी के ग्रामीणों ने चंडिकाघाट मंदिर परिसर में बैठक की। सभी ने एकमत होकर मंदिर कमेटी की पुरानी कार्यकारिणी को भंग कर नई कार्यकारिणी का जल्द पंजीकरण करने का निर्णय लिया। पूर्व में गठित नई कार्यकारिणी ने मंदिर की सभी व्यवस्थाओं को अपने हाथों में लिया।
विज्ञापन मंदिर कमेटी के नवनियुक्त अध्यक्ष नवीन सिंह ने कहा कि मंदिर के विकास और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के अनुरूप काम होगा। बैठक में सरिता देवी, द्रोपदी, जमन सिंह, शिव सिंह, निर्मला आदि शामिल रहे। तीनों गांवों के ग्रामीणों ने चंडिकाघाट मंदिर में एक व्यक्ति पर अवैध रूप से अध्यक्ष बनने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई और नई कमेटी गठन की मांग पर बीते 20 फरवरी को मंदिर परिसर में धरना दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि परंपरा के अनुसार तीनों गांवों के लोग बारी-बारी से मंदिर के पुजारी का दायित्व निभाते हैं। इस परंपरा को दरकिनार कर संबंधित व्यक्ति ने खुद को अध्यक्ष घोषित कर मनमानी शुरू कर दी। आरोप लगाया कि संबंधित श्रद्धालुओं से अभद्रता भी करता है। तब तहसीलदार राम प्रसाद भी मौके पर पहुंचे थे और ग्रामीणों का आपसी मामला बताया था। इसके बाद ग्रामीणों ने बैठक कर नई कार्यकारिणी का गठन किया।