*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक – 03 अक्टूबर 2024*
*⛅दिन – गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् – 2081*
*⛅अयन – दक्षिणायन*
*⛅ऋतु – शरद*
*🌥️ अमांत – 16 गते आश्विन मास प्रविष्टि*
*🌥️ राष्ट्रीय तिथि – 1 आश्विन मास*
*⛅मास – आश्विन*
*⛅पक्ष – शुक्ल*
*⛅तिथि – प्रतिपदा रात्रि 02:58 अक्टूबर 04 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*⛅नक्षत्र – हस्त दोपहर 03:32 तक तत्पश्चात चित्रा*
*⛅योग – इंद्र प्रातः 04:28 अक्टूबर 04 तक तत्पश्चात वैधृति*
*⛅राहु काल – दोपहर 01:33 से दोपहर 03:01 तक*
*⛅सूर्योदय – 06:12*
*⛅सूर्यास्त – 06:00*
*⛅दिशा शूल – दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:55 से 05:44 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:05 से दोपहर 12:52 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त- रात्रि 12:04 अक्टूबर 04 से रात्रि 12:53 अक्टूबर 04 तक*
*⛅ व्रत पर्व विवरण -शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ, घट स्थापना दिवस, महाराज अग्रसेन जयंती*
*⛅विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाएं क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹स्वास्थ्य का खजाना : मेथीदाना , फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान…🔹*
*🔸मेथी सस्ती व सर्वत्र सुलभ होने के साथ साथ हमारे स्वास्थ्य की परम मित्र भी है । मेथीदाना तीखा, उष्ण, वात, कफनाशक, पित्तवर्द्धक, पाचकशक्ति बढाने वाला, ह्रदय के लिए हितकर व बलवर्धक है ।*
*🔸यह ज्वर, उलटी, खाँसी, अरुचि, बवासीर, कृमि व क्षयरोग को नष्ट करता है । मेथीति हिनस्ति वातकफ ज्वरान् । वायु कफ व ज्वर का नाश करने के कारण मेथिका कहते हैं ।*
*🔸मेथीदाना पुष्टिकारक, शक्ति और स्फूर्तिदायक टॉनिक है । पुराने जमाने में जब सीमेंट का आविष्कार नहीं हुआ था, तब भवन निर्माण में चूने के साथ पीसी मेथी का उपयोग किया जाता था, जिससे भवन की मजबूती बढ़ जाती थी ।*
*🔸ऐसे ही रोज सुबह शाम १ से ३ ग्राम मेथी पानी में भिगोकर, चबा के या छाया में सुखाकर, पीस के खाने से घुटने व शरीर के जोड़ों का दर्द नहीं होता, जोड़ मजबूत रहते हैं तथा जीवनभर गठिया, आमवात, लकवा, मधुमेह, रक्तचाप आदि रोगों के होने की संभावना बहुत कम हो जाती है ।*
*🔸इसके नित्य सेवन से पेट बड़ा नहीं होता, मोटापा नहीं आता । मेथीदाना दुबलापन भी दूर करता है ।*
*🔸सुबह शाम इसे पानी के साथ निगलने से कैसा भी कब्ज हो, दूर हो जाता है । यह आँतों का परिमार्जन कर पेट को निरोग बनाता है, गैस को नष्ट करता है ।*
*🔸इसकी मूंग के साथ सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं । यह मधुमेह के रोगियों के लिए खूब लाभदायी है ।*
*🔸सावधानी : मेथीदाने का सेवन पित्तजन्य रोगों में तथा उष्ण प्रकृति वालों को नहीं करना चाहिए ।*
*🔹शुष्क आँखों (dry eye) के लिए अनुभूत प्रयोग🔹*
*🔸(१) आश्रम द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराये जानेवाले नेत्रबिंदु का उपयोग करें ।*
*🔸(२) शुद्ध शहद व गुलाबजल दिन में १-२ बार डालने से भी लाभ होता है ।*
*🔹फटी एड़ियों से पायें निजात🔹*
*🔸अधिक समय तक पैर पानी में भीगे रहना, ठीक से सफाई न होना, मिट्टी में काम करना, शरीर में कैल्शियम की कमी होना आदि कारणों से एड़ियाँ फट जाती हैं ।*
*🔸उपाय : नींबू का रस, गुलाब जल व अरंडी के तेल का मिश्रण १-१ चम्मच रोज रात को फटी हुई एड़ियों पर लगायें ।*
*🔸 १-१ चम्मच शुद्ध मोम व घी या सरसों का तेल गर्म करके रूई से १-१ बूँद फटी एड़ियों पर टपकायें, इससे सिंकाई भी हो जायेगी । थोड़ा दर्द अनुभव होगा किंतु बाद में आराम मिलेगा । यह प्रयोग रोजाना तब तक करें, जब तक एड़ियाँ पूरी तरह ठीक न हो जायें ।*
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