
उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो

सरकारी वन संपत्ति का कोई रखरखाव करने वाला नहीं :- तत्काल प्रभाव से कौन करेगा वन्य जीव एव वन संपदा और पर्यावरण की सुरक्षा :- सरकार के दावे की खुल रही है पोल,
जिला रुद्रप्रयाग वनप्रभाग के अंतर्गत आने वाली चौकिया बनी ग्राम पंचायत तिनसोली मै वनों की बेहतरीन सुरक्षा के लिए जाना जाता था, जहां वन्य जीव एवं उन तमाम विशालकाय पेड़ों की सुरक्षा होती थी आज वन्य जीव खतरे में है। सरकारी वनों से पेड़ों का कटान रुकने का नाम नहीं ले रहा,क्षेत्रीय ग्रामीणों ने जुदाई चिंता, जहाँ रेंज अधिकारि एव उनकी वनरक्षक टीम ने सूचना और सोर्स के माध्यम से वन क्षेत्र की बेहतरीन नियुक्ति के लिए कार्य करना था, जिनको सरकार से पद के पर्यावरण सुरक्षा जवाबदारी एव जल जंगल जमीन को भूमिगत पटल पर विकसित और भव्य बनाने का था उनको अगर पूछा जाए की कौन से वन क्षेत्र का क्या नाम है। उन्हें मालूम ही नहीं होगा क्योंकि उनकी जो ड्यूटी है, नाम मात्र क्षेत्रीय पंचायती वन क्षेत्र पर रुतबा जमाने की देखी जा सकती है, जबकि पंचायती वन क्षेत्र मैं वन पंचायत सरपंच एव ग्रामीणों द्वारा नियुक्त चौकीदार बेहतरीन देखभाल कर रहे हैं, पंचायती वनों पर ग्रामीणों द्वारा जो भी अतिक्रमण किया जाता है। इस पर वन विभाग मौन है, राजस्व विभाग का कहना है कि, हम भूमि के रखरखाव कर्ता हैं, वही देखा जाय तो वन विभाग का कहना है कि हमारी ड्यूटी पेड़ों की रक्षा करना है, जब पंचायती वनों पर कार्रवाई की बात आती है अतिक्रमण को हटाने को लेकर एक दूसरे संबंधित अधिकारी पंचायत के सरपंचों का सहयोग करने से बचते आरहे हैं, समझना इस बात को है कि जहां सरकार करोड़ों की राशि वनों को और पर्यावरण सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खर्च करती है, देखाजाय तो जमीनी हकीकत क्या है। यह एक जांच का विषय बना है, बन मंत्रालय उत्तराखंड सरकार इस पर तत्काल प्रभाव से अगर संज्ञान ना लिया जाए तो आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग, भूस्खलन , मौसम परिवर्तन जैसे कहीं मामले देखे जा रहे हैं, इन्हें रोकना काफी कठिन हो जाएगा।