
उत्तराखंड डेली न्यूज़: ब्योरो

बेहरादून, 14 अप्रैल 2025: भारत में कानूनी शिक्षा को एक नया रूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, यूपीईएस स्कूल ऑफ लॉ ने देश की पहली ऑगमेंटेड रियलिटी/वर्चुअल रियलिटी (AR/VR) लीगल सिमुलेशन लैब शुरू की है। यह अत्याधुनिक सुविधा 10 अप्रैल 2025 को डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, भारत के पूर्व कानून और न्याय मंत्री तथा जाने-माने अर्थशास्त्री, न्यायविद और सार्वजनिक विचारक, द्वारा उद्घाटित की गई। यूपीईएस की यह AR/VR लैब न केवल भारत में, बल्कि संभवतः पूरी दुनिया की कानूनी शिक्षा में अपनी तरह की पहली पहल है। इसका उद्देश्य पारंपरिक कानूनी पढ़ाई के तरीकों में बदलाव लाना है। इस लैब के जरिए लॉ के छात्र कोर्टरूम जैसे वातावरण में प्रशिक्षण ले सकेंगे, ज़रूरी सॉफ्ट स्किल्स सीख सकेंगे, और मूट कोर्ट व मुकदमेबाज़ी के यथार्थ अनुभव पा सकेंगे। इस अवसर पर स्कूल ऑफ लॉ के डीन, प्रोफेसर (डॉ.) अभिषेक सिन्हा ने कहा, “कानूनी पेशा केवल किताबी ज्ञान नहीं बल्कि व्यावहारिक तैयारी, आलोचनात्मक सोच और संवाद कौशल भी मांगता है। इस लैब के जरिए हम पढ़ाई के तरीकों को तकनीक के साथ जोड़ते हुए छात्रों को एक वास्तविक अनुभव प्रदान कर रहे हैं, जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। यह प्रयोग हमारे स्कूल की नवाचार को बढ़ावा देने की सोच को भी दर्शाता है।”इस लैब का उपयोग न केवल छात्रों के प्रशिक्षण के लिए, बल्कि शिक्षकों के लिए भी किया जाएगा। इसमें संवाद, बातचीत, काउंसलिंग और अन्य ज़रूरी सॉफ्ट स्किल्स पर फोकस किया जाएगा जो प्रभावी कानूनी अभ्यास और शिक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “यह एक ऐसी तकनीक है जिसके बारे में मुझे जानकारी नहीं थी, और इसे इस स्तर पर देखकर मैं बहुत प्रभावित हुआ हूँ। मेरी पीढ़ी मेरे पिता की पीढ़ी से बेहतर थी, और अगली पीढ़ी मुझसे बेहतर होगी- यह देखकर मुझे आश्वर्य हुआ। मैं आपकी संस्था को इस दिशा में प्रेरणा देने के लिए बधाई देता हूँ।”यह पहल यूपीईएस की उस व्यापक सोच का हिस्सा है, जिसमें उभरती तकनीकों को शिक्षा से जोड़कर ऐसे भविष्य के कानूनी पेशेवर तैयार किए जा रहे हैं जो लचीले, संवेदनशील और तकनीकी रूप से सक्षम हों।