
उत्तराखंड डेली न्यूज़ :ब्योरो

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है, जिससे यात्रियों को सुरक्षित यात्रा, जीपीएस आधारित ट्रैकिंग, भोजन और आवास जैसी सुविधाएं रियायती दरों पर मिल सकें।
देहरादून. उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थल बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम यहां स्थित हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों की यात्रा करते हैं, जिसे चारधाम यात्रा (Chardham Yatra Registration) कहा जाता है. यह यात्रा आध्यात्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मानी जाती है. 2025 की चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं और इस साल रजिस्ट्रेशन में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. देशभर से श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए बढ़-चढ़कर रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक देशभर से 14,54,532 लोग पंजीकरण करा चुके हैं. सबसे अधिक रजिस्ट्रेशन महाराष्ट्र से हुए हैं, जहां से 2,57,174 श्रद्धालु यात्रा पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश से 1,83,950, आंध्र प्रदेश से 1,66,899, मध्य प्रदेश से 1,44,604 और गुजरात से 1,39,630 रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
धामवार पंजीकरण संख्या:केदारनाथ धाम: 4,90,148 पंजीकरणबद्रीनाथ धाम: 4,34,587 पंजीकरणगंगोत्री धाम: 2,61,427 पंजीकरणयमुनोत्री धाम: 2,48,127 पंजीकरणहेमकुंड साहिब: 20,243 पंजीकरण चारों धाम के कपाट खुलने की तिथियांचारधाम यात्रा के तहत मंदिरों के कपाट हर वर्ष विशेष तिथियों पर खोले जाते हैं. 2025 में कपाट खुलने की तिथियां हैं।